शाहजहांपुर||हम चाहें कितनी भी ताकत बच्चों को मिलने वाले शिक्षा व मिड डे मील के प्रति लगा लें, लेकिन बच्चों के भविष्य व उनके स्वास्थय से खिलबाड़ करने वाले अपनी हरकतों से वाज नहीं आयेंगे| ऐसा ही एक द्रश्य शहजाह्नपुर के प्राथमिक व जूनियर विद्यालय जरियनपुर में देखने को मिला,जहां बच्चों को कई महीनो तक मिड डे मील नसीव तक नहीं होता है| और जब मिलता है तो केवल चावल वो भी उसमे रेंगती हुयी सूंडिया |
इन स्कूलों का हाल तो एसा है कि एक दिन गैस न होने के कारण तो दूसरे दिन सूडियां निकलती हैं तो बताओ अपनी जीती जागती आँखों से इसे खुद खाना पसंद करोगे, शायद आपका उत्तर नहीं ही होगा तो फिर इन बेचारे बच्चों के स्वस्थ्य से खिलबाड़ क्यों?
कटरी क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था की दयनीय दशा है। पहले तो स्कूल ही समय से नहीं खुलते हैं। अगर खुलते भी हैं, उनमें बच्चे खेलते रहते हैं और अध्यापक भी नहीं आते हैं। इन इलाकों के स्कूलों में मध्याह्न भोजन पर नजर डाली जाए तो यह बनता भी नहीं है और जहां बनता है वहां इतना घटिया किस्म का बनता है कि बच्चे तो दूर, जानवर भी इसे खाना भी पसंद नहीं करते|