सियासत की बात- कभी मुकेश के दोस्त रहे अरविन्द सोमवंशी दिखे सलमान के साथ

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Arvind Somvanshiफर्रुखाबाद: सलमान खुर्शीद का चुनाव प्रचार भले ही एकला हो मगर उनकी मीटिंग से लेकर सीटिंग तक सटीक हो रही है| दिन के समय वे गाव देहात और रात में नगर में घर घर घुस कर वे लोगो से मिलते है| जहाँ अन्य प्रत्याशी अलग अलग प्रकार के मैनेजमेंट से चुनाव लड़ते है वहीँ सलमान खुर्शीद का चुनाव प्रचार का अंदाज वही पुराना है| “वोट मैनेजमेंट” यही नाम है उनकी चुनावी रणनीति का| देर रात वे व्यापारियों के साथ जो बैठके करते है वे वोट मैनेजमेंट का ही हिस्सा होती है|

न बन्दूक की जरुरत और न ही ताम झाम की| शुक्रवार की रात वे पक्के पल इलाके में कई घरो में घुसे तो मोहल्ले के लोग इक्कट्ठे हो गए| ज्यादातर ने काम की समस्या बतायी तो उन्हें लुइस के रजिस्टर में दर्ज कर लिया गया| रेशम के कीड़े पालने से लेकर दरी और जरदोजी जैसे छोटे छोटे उद्योग के माध्यम से सलमान ने एक बड़ी जमात जोड़ ली है| जबकि विपक्ष अभी भी उन पर बड़े उद्योग न लगवाने का आरोप जड़ता रहा है| सलमान के पास ज्यादातर गंभीर बीमारी के इलाज के लिए आने वाले लोग होते है जिनका इलाज दिल्ली में हो सकता है| सलमान का सहयोगी उनका नाम पता रजिस्टर में नोट करता है उनके एक कार्ड पकड़ाता है कि दिल्ली के बंगले पर जाना और ये कार्ड देना वहां सारा इंतजाम कर दिया जायेगा| वैसे ये काम सलमान चुनाव के समय के आलावा भी करते रहे है, ये बात और है कि इसकी पब्लिसिटी नहीं होती|
Salman
सलमान शुक्रवार को कायमगंज प्रवास पर जाने से पहले ठंडी सड़क स्थित के एम हाउस पहुंचे और एक महफ़िल काफी देर तक जमी| खास बात ये कि सलमान किसी से वोट देने के लिए नहीं कहते| अपनी बात रखते है और कहते है कि मौका दिया तो और कोशिश करूंगा| के एम हाउस में पहले से मौजूद मुकेश राजपूत के करीबी दोस्त और उन्हें जिला पंचायत चलाने में सहयोग करने वाले अरविन्द सोमवंशी पहले से ही मौजूद थे| दोनों के बीच क्या बात हुई ये ब्यौरा तो न मिल सका मगर कई मुलाकाते बहुत कुछ कह जाती है और कई फ़साने छोड़ जाती है|
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इतना सब होने के बाबजूद सलमान के लिए डगर आसान नहीं है| बेदाग़ जिंदगी में लुइस के कारण ट्रस्ट मामले में लगे आरोप एक दाग छोड़ गए है| हालाँकि चुनाव में इसकी कोई सुगबुगाहट नहीं है| अन्य प्रत्याशी दूध के धुले जो नहीं है इसलिए उस मुद्दे को कोई छेड़ नहीं रहा है| अभी वोट पड़ने में 11 दिन का वक़्त है और सियासी चौसर तो एक चाल से जीती हारी जाती है|

अरविन्द सोमवंशी ने बताया कि वे अपने पुत्र की शादी के बाद होने वाली दावत के लिए केएम हाउस देखने आये है|