लद्दाख से हटने को तैयार नहीं चीन, तनाव बढ़ा

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दिल्‍ली: लद्दाख में चीन की घुसपैठ से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। भारत की सीमा में दस किमी अंदर घुसकर चौकी स्थापित कर चुके चीन ने पीछे हटने से साफ इंकार कर दिया है। उलटे उसने आरोप लगाया कि भारत पिछले कुछ हफ्तों से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर एग्रेसिव पेट्रोलिंग यानी आक्रामक व महत्वाकांक्षी तरीके से गश्त लगा रहा है।

CHinaवहीं, भारत अपने इस रुख पर कायम है कि चीनी सेना को डीबीओ से हटकर घुसपैठ से पहले वाली स्थिति में आना होगा। बुधवार को सेना ने चीनी घुसपैठ से निपटने के लिए विभिन्न सैन्य विकल्पों को लेकर भी सरकार को अवगत कराया। इसमें सेना को आक्रामक तरीके इस्तेमाल करने का विकल्प भी शामिल है। सेना ने यह सुझाव राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के नेतृत्व वाले चाइना स्टडी ग्रुप को दिए हैं। रक्षा, गृह और विदेश सचिवों की सदस्यता वाला यह समूह पीएमओ के संपर्क में भी है।

भारत की ओर से राजनयिक चैनलों के जरिए किए गए कई आग्रहों के बावजूद चीन अपनी जिद पर अड़ा है। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने बुधवार को कहा कि कई स्तरों पर इस विवाद को बातचीत से सुलझाने की कोशिश जारी है। एंटनी ने यह भी साफ कर दिया कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए सरकार किसी भी हद तक जाने को तैयार है।

चीन ने घुसपैठ को जायज ठहराने के लिए भारत पर इस सेक्टर में पक्के निर्माण का भी आरोप जड़ दिया है। माना जा रहा है कि चीन के साथ इस हफ्ते के अंत तक तीसरी फ्लैग मीटिंग हो सकती है।

सूत्रों ने बताया कि हालांकि हालात फिलहाल उस हद तक तनावपूर्ण नहीं हुए हैं जिससे चीन के साथ दो-दो हाथ करने पड़ें। लेकिन सेना की उत्तरी कमान पूरी तरह सचेत है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार ने इस मुद्दे पर बयान देने की जिम्मेदीर सिर्फ विदेश मंत्रालय के सुपुर्द की है। सूत्रों के मुताबिक भारत ने चीन के आरोपों को खारिज करते हुए चीन को व्यावहारिक रास्ता अपनाने की सलाह दी है।

21 अप्रैल को लेह से 300 किमी दूर चूमड़ इलाके में चीन के दो हेलीकॉप्टर घुस आए और काफी देर तक वहीं मंडराते रहे। हेलीकॉप्टरों से इस दौरान फूड कैन, सिगरेट के पैकेट और स्थानीय भाषा में लिखे कागज गिराए गए। इसके बाद यहां आईटीबीपी और सेना ने निगरानी बढ़ा दी है। चूमड़ अक्साई चिन इलाके को जोड़ता है।

अक्साई चिन पर चीन का अवैध कब्जा है। दौलत बेग ओल्डी में 15 अप्रैल को घुसपैठ कर चौकी स्थापित करने में भी चीनी हेलीकॉप्टरों की भूमिका रही थी। पिछले साल सितंबर में भी चीनी सैनिक हेलीकॉप्टर से चूमड़ में उतरे थे और वहां बने भारतीय सेना के बंकरों को नष्ट कर दिया था।