फर्रुखाबाद: नगर से सटे गाव गुतासी में देश का विदेश मंत्री एक छोटी सी जनसभा को सम्बोधित कर रहा है| जनसभा क्या गाव की चौपाल कहिये| आसपास समर्थको से घिरा है| सामने समर्थक बैठे है| यानि आगे भी समर्थक और पीछे भी समर्थक| सवाल पूछने का हक़ केवल पत्रकारो को| पत्रकार भी अमित शाह और मोदी के सांप्रदायिक और साम्प्रदायिकता के बयानो पर सवाल पूछ रहे है| जनता को चुनाव में भी सवाल पूछने का हक़ नहीं| केवल नेता सुना रहे है| न गाव की समस्या की चर्चा और न ही प्रधान, कोटेदार, ग्राम सचिव या फिर लेखपाल के भ्रष्टाचार की चर्चा| गाव में रहने वाला तो इन्ही के भ्रष्टाचार से दो चार होता है| नेता बस विरोधी पर बरस रहे है| जो कुछ पिछले सालो में किया है उसका बखान कर रहे है| नेता एक बार जीत जायेगा और जनता फिर से हार जायेगी|
बात सलमान खुर्शीद से इसलिए शुरू कर रहा हूँ क्योंकि सलमान खुर्शीद यहाँ लड़ रहे सभी प्रत्याशियो में सबसे ज्यादा सरल, मिलनसार और पहुच में रहते है| ये बात और है कि वे पांच साल का प्रवास ज्यादातर दिल्ली में रहते है, कुछ मजबूरियों और काम के चलते| मगर बाकी के नेताओ का मिजाज इससे इतर है| जब सरल और सुलभ सलमान का चुनावी प्रचार ऐसा है तो बाकी का कैसा होगा अंदाजा लगाया जा सकता है| न चौपाल और न ही जनता से कोई संवाद| सिर्फ अपनी सुनाओ और समर्थको से तालियां पिटवाओ| ब्राह्मण को टिकट नहीं मिली इसलिए भाजपा से ब्राह्मण नाराज है, ठाकुर को भाजपा से टिकट नहीं मिली इसलिए ठाकुर नाराज है| सपा ने स्थानीय नेता की टिकट काट दी इसलिए काफी संख्या में यादव सपा से नाराज है| मुसलमान के पास सलमान के रूप में उनके धर्म जाति का प्रत्याशी मौजूद है| बसपा समर्थको में बोलने की इजाजत नहीं है और नाराज होने के लिए शिक्षा की कमी है| चुनाव एक बार फिर से नेता जीतेगा जनता फिर से हारेगी| क्योंकि सरकारी योजनायो और सहायता में सबसे ज्यादा ठगी के शिकार दलितो पर एक बार मायावती का भूत सवार है| जाति की नेता जीतेगी तो समाज की तरक्की होगी| समाज की तरक्की होगी तो उनकी तरक्की होगी| कैसे होगी इस पर कोई जबाब नहीं| जिन स्कूलो में दलितो के सबसे ज्यादा बच्चे पढ़ते है वहाँ मास्टर पढ़ाने नहीं जाता| कोटेदार बीपीएल का राशन दलितो को नहीं देता और दलितो के लिए आने वाली सरकरी योजनाओ में बिना रिश्वत लिए ग्राम सचिव और प्रधान लाभ नहीं देता| प्रधान और कोटेदार प्रत्याशियो के साथ है बेहाल जनता फिर से हारेगी|
टीवी पर भ्रष्टाचार की फीड गायब है| पैनलो में जात और धर्म के उत्तेजक बयानो पर बहस चल रही है| टीआरपी के लालची टीवी न्यूज़ चैनल इन दिनों कोई भ्रष्टाचार, गाव में गरीबी और समानता पर खबर नहीं दिखा रहे है| मोदी की लहर, सोनिया की टूटी फूटी हिंदी और अरविन्द केजरीवाल पर चला मुक्का हावी हो चला है| अरविन्द का मुद्दा टीवी पर अब सुर्खिया नहीं है, स्टिंग ऑपरेशन भ्रष्टाचार का नहीं, सम्प्रदायिकता को बढ़ावा देने वाला बाबरी मस्जिद ढहाने का चलाया जा रहा है| ये क्या हो रहा है देश में| जनता के लाइसेंसी हथियार पुलिस जमा कर रही है| नेता 6-6 हथियार और लम्बी चौड़ी सुरक्षा की फ़ौज लेकर जनता के बीच में चल रहे है| संसद में क्या गोलियां चलवानी है| अगर प्रतिबंध न हो तो ये नेता भी बंदूके लेकर संसद में बैठे| अब सुनो और सुनो…..जिंदाबाद करो| नेता फिर जीत रहा है और जनता फिर हार रही है…|
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भ्रष्टाचार करने वाले चुनाव प्रचार में लगे है| इनमे से कई वे भी है जो अन्ना आंदोलन के वक़्त सड़को पर निकले थे| मगर अब उनके पास भी कोई विकल्प नहीं है| चुनाव आयोग ने 70 लाख रुपये खर्च करने की तो लिमिट कर दी है| मीडिया से लेकर कार्यकर्ता तक ऑन पेमेंट है| दोनों के पास तर्क भी है| नेता जी कौन से साफ़ सुधरे है| सब हराम का कमाया है जो खर्च किया है| 5-10 लाख सालाना की आयकर रिटर्न दाखिल करने वाला कई करोड़ का चुनाव खर्च कर रहा है| मानो घर खर्च में कोई रुपया खर्च होता ही नहीं| जिसके पास कोई गाडी नहीं वो 30 लाख की वातानुकूलित फार्चुनर से चुनाव प्रचार पर है| ड्राईवर डीजल पर ही हर रोज 5000 रुपया फूक रहा है| मगर आमदनी इनकम टैक्स में नहीं दिखा रहा है| चोर तो वो भी है तो कार्यकर्ता क्यों फ़ोकट में समाज सेवा करे? चोरो को संसद मिलेगी और जनता एक बार फिर से हारेगी…|
नामांकन के बाद बसपा प्रत्याशी से सवाल पूछा गया कि जीत का जातीय आंकड़ा क्या है तो जबाब मिला कि “वे जाति धर्म पर वोट नहीं मांगते’| कितना सफ़ेद झूठ बोलता है नेता| कमालगंज के जरारी भडोसे में झोली फैला फैला कर धर्म और जात पर वोट मांग रहा था| सर्व धर्म सदभाव की बात करता है| एक नंबर के झूठे| एक पत्रकार ने सवाल पुछा आलू और गन्ने आधारित उद्योग लगाने पर जबाब दे दिया “नगर में जाम की समस्या दूर करूंगा”| न कोई विकास का खाका और न ही कोई योजना| भाजपा प्रत्याशी मोदी और लोधी कर रहा है| जिला पंचायत में खूब माल कमाकर अब ठाकुर, ब्राह्मण, कुर्मी और शाक्य ढून्ढ रहा है| क्या खूब नेताजी| बसपा के लिए ब्रह्मणो का वोट इकठ्ठा करने अंटू मिश्रा आ रहे है| ठाकुरो के लिए नागेन्द्र सिंह राठौर लगे है| और नेताजी कह रहे है कि वे जात की राजनीती नहीं करते| कितना झूठ बोलोगे| मगर फिर भी नेता जीतेगा और जनता हारेगी क्योंकि चुनाव के पहले भी और चुनाव के बाद भी बिना रिश्वत के कोई काम नहीं होगा| पहले दूसरे नेता हिस्सा लेते थे अबकी नए प्रतिनिधि आ जायेंगे|
मेरे लेखो और विचारो की केवल तारीफ मत करिये| जनता में इन्ही मुद्दो की चर्चा करिये| एक कोशिश फिर से करिये| एक एक पत्थर सब लोग उछालिये| वर्ना 5 साल तक शिकायत मत करिये| ये नेता केवल वोट के सगे है| ये न तेरा है और न मेरा है…..