फलैश बैक- 29 साल पहले का चुनाव- डीएम नसीम जैदी, नेता छोटे सिंह और वो लाठी चार्ज

Uncategorized

Election meetingफर्रुखाबाद: नई बाते पुरानी यादो को कुरेद लाती है| बात मौके पर बताई जाए तो महत्वपूर्ण और ज्ञान वर्धक भी होती है| नई युवा पीड़ी के लिए चुनावी इतिहास का जानना भी जरुरी है| सतीश दीक्षित ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के नामांकन के बाद पत्रकारो से कहा कि चुनाव आयुक्त नसीम जैदी पक्षपात कर रहे है| वो फर्रुखाबाद में बतौर डीएम रह चुके है और सलमान खुर्शीद के बेहद करीबी है| आखिर नसीम जैदी आज सतीश दीक्षित को अचानक क्यों याद आ गए इसका बड़ा रोचक इतिहास है| मामला छोटे सिंह से जुड़ा है| छोटे सिंह और उनके साथ अन्य सपाइयो ने एक अधिकारी को न केवल अनाप शनाप कहा बल्कि चुनाव बाद देख लेने की धमकी भी दी|

छोटे सिंह और जैदी साहब का संबंध इतिहास वर्ष 1985 में हुए विधानसभा चुनाव से जुड़ा है जब डॉ नसीम जैदी फर्रुखाबाद के डीएम हुआ करते थे और फर्रुखाबाद और कन्नौज एक सम्मिलित जिला था| छिबरामऊ फर्रुखाबाद का हिस्सा था| विधान सभा चुनाव में लाठी बजी थी और चुनावी सर्टिफिकेट मिलना किसी और को था मिला किसी और को| देखिये पूरी कहानी-

दबंगई के कारण जीता हुआ चुनाव हार गए थे छोटे सिंह-
वर्ष 1985 का विधानसभा चुनाव| वोटो की गिनती का काम राजकीय बालिका इंटर कॉलेज फतेहगढ़ में चल रहा था| कई दिन गिनती हुआ करती थी| ठप्पा लगाकर वोट पड़ते थे| तब वोटर मशीन नहीं होती थी कि तीन घंटे में वोट गिन जाए| छिबरामऊ विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी संतोष चतुर्वेदी और जनता दल से छोटे सिंह चुनाव लड़ रहे थे| दोनों में कड़ी टक्कर थी| वोटो की गिनती आखिरी दौर में चल रही थी| वोटो को गिनते गिनते होली का त्यौहार आ गया था| आखिरी दौर में छोटे सिंह यादव के समर्थक जश्न मानाने लगे| गुलाल से होली खेली जाने लगी| जीत का जश्न हुरु था| चर्चा चली कि छोटे सिंह 6 वोटो से चुनाव जीत गए| इसी बीच संतोष चतुर्वेदी ने उस समय के फर्रुखाबाद के सांसद सलमान खुर्शीद के वालिद खुर्शीद आलम खान से सम्पर्क साधा कि बेईमानी हो गई है दुबारा गिनती करा दी जाये| उस समय तक तत्कालीन जिलाधिकारी नसीम जैदी काउंटिंग हाल से घर जा चुके थे| खुर्शीद आलम खान ने डीएम/जिला निर्वाचन अधिकारी नसीम जैदी को फोन लगाया और दुबारा वोटो की गिनती की गुजारिश की| उनकी अर्जी मान ली गई और दुबारा गिनती शुरू हुई|

जब बजी छोटे सिंह पर पुलिस की लाठी
उस समय के चश्मदीद पत्रकार प्रदीप गोस्वामी (वर्त्तमान में आकाशवाणी एवं PTI संवाददाता) के अनुसार नसीम जैदी ने संतोष चतुर्वेदी से प्रार्थना पत्र लेकर दुबारा वोटो की गिनती कराने के लिए आदेश कर दिया| वोटो की गिनती दुबारा होती देख छोटे सिंह और उनके समर्थक भड़क गए| रिटर्निंग ऑफिसर से छोटे सिंह का जमकर विवाद हो गया| बात इतनी बढ़ी कि छोटे सिंह ने रिटर्निंग ऑफिसर के थप्पड़ जड़ दिया| थप्पड़ की गूँज जैसे ही डीएम नसीम जैदी तक पहुची मानो तूफ़ान आ गया| डॉ साहब मय दल बल के आये और सबसे पहले शुरू हुआ लाठी चार्ज| प्रदीप बताते है कि पत्रकार मेजो के नीचे घुस गए| पुलिस लाठिया भांज रही थी| दौड़ा दौड़ा के मार रही थी| जिसे जो कोना या रास्ता मिल जाता छिपने की कोशिश करता या भाग रहा था| गुंडई पर प्रशासन हावी हो गया था| छोटे सिंह पर भी लाठियां बजी| छोटे सिंह समर्थको सहित सिविल लाइन्स में बाबू गिरीश चन्द्र कटियार के घर तक दौड़ाये गए और उनके घर में घुस कर जान बची|
जब मिला छोटे सिंह की जगह संतोष चतुर्वेदी को जीत का सर्टिफिकेट-
इधर मामला गरम हो ही चुका था| जनता दल वाले भाग गए थे| कांग्रेस प्रत्याशी संतोष चतुर्वेदी को बुलवाया गया| काउंटिंग की शीट बदली गई और संतोष चतुर्वेदी को विधायक होने का सर्टिफिकेट मिला| तो 29 साल बाद उस लाठी की कसक छोटे सिंह के मित्र/वकील और साथी सतीश दीक्षित ने याद करके पत्रकारो में परोसी और आरोप लगाया कि नसीम जैदी फर्रुखाबाद के लिए पक्षपात कर सकते है| आखिर फर्रुखाबाद के लिए ये गौरव की बात है कि चुनाव आयोग में एक ऐसा आयुक्त बैठा है जो फर्रुखाबाद के नेताओ के चाल चरित्र और चेहरो से जर्रे जर्रे से वाकिफ है| ऐसे में निपक्ष चुनाव की उम्मीद बढ़ जाती है| वैसे नेताओ का क्या आरोप नहीं लगाएंगे तो……….|