तीसरे मोर्चे के गुब्बारे में अभी हवा नहीं भरेंगे मुलायम

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mulayam singhतीसरे मोर्चे के गठन पर पश्चिम बंगाल से लेकर दिल्ली तक चल रही सियासी लहरों को समाजवादी पार्टी तुरत-फुरत हवा देना नहीं चाहती। दरअसल, सपा लोकसभा चुनाव से पहले तीसरे मोर्चे की संभावना को नहीं देख रही है मगर चुनाव बाद इसकी संभावना को दरकिनार भी नहीं कर रही है।

सपा ने एक तरफ कह दिया है कि वह तीसरे मोर्चे की संभावना चुनाव बाद ही देखती है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा और कांग्रेस नाकाम हो गई हैं और देश को तीसरे मोर्चे की जरूरत है। सपा खेमे में चर्चा है कि ममता बनर्जी, नेताजी (मुलायम सिंह) को मनाने की कोशिश कर सकती हैं। ऐसे में नेताजी के मुलायम पड़ने की संभावना से सपा के कई नेता इंकार भी नहीं कर रहे हैं।

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भाजपा-जदयू के संबंध टूटने की चर्चा जोर पकड़ने के साथ ही तीसरे मोर्चे की हवा चलना शुरू हो गई है। नीतीश कुमार के दूत ममता बनर्जी से मिल रहे हैं तो ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी तीसरे मोर्चे का ख्याल जाहिर करने लगे हैं। ऐसे में सपा पर सबकी नजरें है।

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मुलायम सिंह यादव तीसरे मोर्चे के सबसे बड़े पैरोकार रहे हैं। लिहाजा फेडरल फ्रंट बनाने की वकालत कर रहे लोग सपा मुखिया को भी अपने साथ लेने के लिए तैयार हैं। मगर सपा किसी जल्दबाजी में नहीं है। सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि पार्टी चुनाव से पहले तीसरे मोर्चे के विकल्प की ओर नहीं देख रही है। चुनाव बाद इस मामले पर सोचा जा सकता है। मगर तीसरे मोर्चे की ताकत को पार्टी नजरअंदाज करने के मूड में ही नहीं है।

अखिलेश यादव ने तीसरे मोर्चे की खुलकर पैरवी की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा नाकाम साबित हो गई है और जनता तीसरे मोर्चे की तरफ ही देख रही है।