5 हजार मासिक घूस पर खंड शिक्षा अधिकारी बंद करा देता है स्कूल

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फर्रुखाबाद: जिले में न जनसेवको की कमी है और न ही ईमानदार अफसरो की| बड़े बड़े नायब नमूने देखिये सरकारी स्कूलो में| खबर है कि कमालगंज के खंड शिक्षा अधिकारी 5000/- रुपये प्रतिमाह की घूस पर स्कूलो को जब चाहे बंद करने या फिर जो मन में आये अध्यापको को गड़बड़झाला करने की छूट दे रहे है| प्राथमिक विद्यालय किता का नगला की एक मात्र अध्यापिका जो कानपुर से ड्यूटी करने आती है कभी कभार स्कूल में आती है और उनके खिलाफ कोई कार्यवाही न करने के एवज में खंड शिक्षा अधिकारी 5000/- रुपये अपनी एंटी में करके बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ कराते है|
Nagla Kita School
दोपहर लगभग 2 बजे जब जेएनआई रिपोर्टर कमालगंज ब्लाक के स्कूल नगला किता पंहुचा तो स्कूल में ताला पड़ा हुआ था| स्कूल के बरामदे में बोर्ड पर एक नोटिस जो परमानेंट लिखा हुआ मिला| जिसकी सिर्फ तारीख बदल दी जाती है| नोटिस खंड शिक्षा अधिकारी को सम्बोधित करते हुए लिखा गया- “निवेदन है कि प्रधानाध्यापिका सलोनी श्रीवास्तव विद्यालय से संबंधित बैंक कार्य हेतु कमालगंज जा रही है| सूचना सेवा में अंकित है- सलोनी श्रीवास्तव”
Nagla Kita School 1
मैडम से जब फोन पर पूछा गया कि आप कौन सी बैंक में है तो मैडम ने तुरंत पैतरा बदलते हुए कहा कि वे घर (कानपुर) चली आई है| उनसे पूछा गया कि आपका घर कहा है तो जबाब मिला कि वे कानपुर से आती जाती है| फिलहाल बातो बातो में मैडम ने इशारा किया कि खंड शिक्षा अधिकारी ने बोर्ड पर सन्देश लिखकर स्कूल से जाने की सलाह दी थी| वे अकेली शिक्षिका है इस विद्यालय में| बच्चो की शिक्षा पर ध्यान दिलाने पर रोना रो दिया कि वे अकेली क्या क्या कर सकती है| कुल मिलकर सरकारी मास्टर नौकरी तो चाहता है बदले में पढ़ाना नहीं|

हालात जिले के नेताओ का भी यही है| चुनाव लड़ना, सत्ता हासिल करना और फिर हनक दिखाना| इसके सिवाय बेशर्म नेताओ की जनता की शिक्षा और स्वस्थ्य के प्रति कोई जबाबदेही नहीं है| न इलाके का विधायक इस ओर ध्यान देता है और न ही सत्ता दल के अन्य नेता| शिक्षा विभाग के अधिकारियो की जेब तो इसी गड़बड़झाले में गरम होती है| कुलमिलाकर लूटतंत्र के इस माहौल में जो जहाँ है लूटने में लगा है|

स्कूल में न पुताई, न बोर्ड और न बॉउंड्री वाल-
इस स्कूल में न तो स्कूल के नाम का बोर्ड है, न मिड डे मील का बोर्ड और न ही स्कूल की वार्षिक पुताई होती है| अलबता हर साल का बजट जरुर समय से खर्च हो रहा है| नियमित निरीक्षण भी होता है| और सब कुछ सही पाया जाता है| खबर है स्कूल की बॉउंड्री वाल का धन भी बैंक खाते से कम हो चूका है मगर बॉउंड्री वाल का अभी तक कोई अता पता नहीं है|