फर्रुखाबाद: एक माह तक गंगा तट पर कल्पवास करने के लिए डेरा तम्बू लगाकर साधू संत भगवन का भजन और पापो का प्रयाश्चित करने के लिए आते है| चारो तरफ कथाये और चरित्र निर्माण के प्रवचन चल रहे है मगर इसी बीच कुछ डोंगी गेरुए वस्त्र धारण कारण साधू संतो की छवि भी धूमिल कर रहे है| ऐसे कई बाबा मेला व्यवस्थापक से राशन कार्ड बनाने के लिए लड़ते देखे गए थे अब यही बाबा मेले में आम जनता के लिए उपलब्ध कराया गया सस्ता मिटटी का तेल कोटेदार से खरीदकर बेच रहे है|
शनिवार को एक बोलेरो गाड़ी में मिटटी के तेल के छोटे ड्रम रखकर मेला में पहुची| इस गाड़ी में कई ड्रम रखे हुए थे| बाबा लोग मिटटी के तेल कोटेदार से ले जाते और बोलेरो गाड़ी वाले को बेच आते| इस पर कई बाबाओ ने बबाल कर दिया| मिटटी के तेलवित्रं पर लगी ड्यूटी पर तैनात कर्मियो ने भी इसका विरोध कर दिया| मगर विरोध बेकार| बाबा बोले कोटेदार कौन सा दूध के धुके है| चार चार ड्रम तो वे पहले ही बाहर ब्लैक में बेच आये है| अब तो कौन क्या बोलता| बाबा जी रामभजन की जगह मिटटी का तेल बेचने में फिर से लग गए|
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