नई दिल्ली: जनलोकपाल की तर्ज पर दिल्ली में लोकायुक्त कानून बनाने की तैयारी पूरी हो गई है। सोमवार को इससे जुड़े बिल को कैबिनेट की मंजूरी मिल सकती है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि अगले महीने रामलीला मैदान में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर जनलोकपाल बिल पास किया जाएगा। इस बिल में भ्रष्टाचार का आरोप साबित होने पर सरकारी अफसरों और कर्मचारियों को उम्रकैद तक की सजा देने का प्रावधान है। साथ ही, मुख्यमंत्री दफ्तर को भी इसके दायरे में रखा गया है।
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बीते दो-तीन साल में जिस शब्द ने दिल्ली की राजनीति में सबसे ज्यादा शोहरत पाई, उस जनलोकपाल का सपना हकीकत बनने के काफी करीब है। जनलोकपाल आंदोलन से उपजे दबाव के बाद केंद्र सरकार ने लोकपाल बिल पास तो कर दिया, लेकिन जनलोकपाल के सख्त प्रावधानों को जगह नहीं दी। आम आदमी पार्टी के गठन के पीछे केंद्र सरकार का जनलोकपाल बिल को लेकर अपनाया गया रवैया भी था। अरविंद केजरीवाल सरकार ने इस अहम चुनावी वायदे को पूरा करने का पूरा खाका तैयार कर लिया है। सोमवार को कैबिनेट मीटिंग में लोकायुक्त बिल के प्रारूप को मंजूरी मिल सकती है। इसके दो हफ्ते के अंदर इसे पास कराने की कोशिश की जाएगी।
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दिल्ली में मौजूदा लोकायुक्त को और मजबूत बनाने के मकसद से लाए जा रहे जन लोकपाल बिल 2014 में भ्रष्टाचार को लेकर कई कड़े प्रावधान किए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक बिल कहता है कि भ्रष्टाचार के दोषी पाए गए सरकारी कर्मचारी को उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। जनलोकपाल के दायरे में दिल्ली का मुख्यमंत्री भी आएगा। जनलोकपाल के तहत जांच और अभियोजन इकाई अलग-अलग होगी। लोकायुक्त के पास किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को नौकरी से बर्खास्त करने, हटाने या फिर उसे पदावनत करने यानी निचले पद पर भेजने का अधिकार होगा। लोकायुक्त के अधीन सरकारी विभागों के अलावा वे संस्थाएं भी होंगी जो किसी न किसी तरीके से सरकारी मदद लेती हैं।
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जनलोकपाल बिल के तहत दिल्ली में दस लोकायुक्त और एक चेयरमैन की नियुक्ति का प्रावधान होगा। इनमें से पांच लोकायुक्त वैसे जज या वकील होंगे जिन्हें सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में 20 साल के कामकाज का अनुभव होगा। बाकी पांच लोकायुक्तों की नियुक्ति समाज के अलग-अलग वर्गों से की जाएगी। लोकायुक्त के चयन के लिए पूर्व जजों, पूर्व सैनिकों और समाज के अलग-अलग क्षेत्रों के जाने माने लोगों की सर्च कमेटी बनाई जाएगी। सर्च कमेटी से प्रस्तावित नाम सेलेक्शन कमेटी के पास जाएंगे। मुख्यमंत्री, विपक्ष के नेता और हाईकोर्ट के दो जज, सेलेक्शन कमेटी के सदस्य होंगें। ये कमेटी लोकायुक्त के लिए नामों का चयन कर राष्ट्रपति के पास सिफारिश भेजेगी। अंत में राष्ट्रपति लोकायुक्त का चुनाव करेंगे।
इसके साथ दिल्ली सरकार स्वराज कानून भी बनाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत मोहल्ला सभाओं को तमाम अधिकार दिए जाएंगे। फिलहाल सरकार के अधिकारी जन लोकपाल के प्रावधानों को बारीकी से परख रहे हैं ताकि जरूरी फेरबदल किए जा सकें। दिल्ली सरकार की सोमवार को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में इस बिल को रखा जाएगा।