बंगले पर बवालः डुप्ले नहीं लेंगे सीएम केजरीवाल

Uncategorized

arvindनई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पांच बेडरूम वाले फ्लैट को लेने से इनकार कर दिया है। केजरीवाल ने साफ कर दिया है कि उन्हें रहने के लिए जो बड़ा फ्लैट तैयार किया जा रहा था, उसमें वो नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा है कि उन्हें रहने के लिए छोटा सरकारी घर चाहिए।

दिल्ली के मुख्यमंत्री के मुताबिक पांच बेडरूम के फ्लैट में रहने की सुगबुगाहट के बाद उनके कई मित्रों, शुभचिंतकों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनसे संपर्क किया। सभी लोगों की राय थी कि उन्हें अपेक्षाकृत छोटे घर में रहना चाहिए। बड़े फ्लैट में रहने को लेकर विवाद शुरू हो गया था। इन लोगों की भावनाओं का ख्याल करते हुए उन्होंने छोटे सरकारी घर में ही रहने का फैसला किया है। अब उन्होंने तय कर लिया है कि पांच बेडरूम वाले फ्लैट में वो नहीं रहेंगे। फिलहाल वो गाजियाबाद के कौशांबी वाले घर में ही रहेंगे|

मेरे लिए छोटा सरकारी घर ढूंढें-केजरीवाल

आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि उन्होंने ये दोनों सरकारी घर न लेने का फैसला किया है। जब उनसे इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया, “वैसे तो यह घर पांच ही कमरों का था। कल से मेरे चाहने वालों, मेरे दोस्तों, पार्टी के सपोर्टर के फोन आए, आम जनता के फोन आए, मैसेज आए। उन्हें लगा कि मुझे यह घर नहीं लेना चाहिए।”

केजरीवाल ने कहा, “यही वजह है कि मैं ये दोनों घर छोड़ रहा हूं। मैंने कहा कि मेरे लिए छोटा सरकारी घर तलाशा जाए।” जब उनसे पूछा गया कि इसके अलावा कोई बड़ी खबर है, तो उन्होंने मीडिया से कहा, “अब आपको इतनी बड़ी खबर दे दी है, और क्या चाहिए?”

जिन दो डुप्ले को लेकर यह विवाद उठा, वह भगवान दास रोड पर हैं। इन दो में कुल दस कमरे बताए जाते हैं और ये 9000 वर्ग फुट में फैले हैं। एक-दूसरे से सटे दोनों डुप्ले को केजरीवाल के आवास और उनके कैंप ऑफिस के रूप में इस्तेमाल करने की योजना थी।

शुक्रवार को उठा विवाद

एक अंग्रेजी अखबार ने यह खबर देकर हड़कंप मचा दिया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के रहने के लिए लुटियंस दिल्ली में भगवान दास रोड पर दो डुप्ले चुने हैं, जिनमें कुल दस कमरे हैं।

अरविंद केजरीवाल कहते आ रहे थे कि वह सरकारी बंगला नहीं लेंगे और अपने ही घर में रहेंगे। शपथ लेने वाले दिन वह राजघाट के पास एक गेस्ट हाउस में ठहरे थे।

[bannergarden id=”8″]
गुरुवार को विधानसभा में भाजपा नेता डॉ. हर्षवर्धन ने सवाल उठाया था कि विश्वास मत हासिल करने से पहले ही दिल्ली सरकार ने केजरीवाल के लिए दो सरकारी बंगले चिन्हित कर लिए हैं।

पहले कहा था देश को खुश होना चाहिए!

अर‌विंद केजरीवाल को शुक्रवार को विधानसभा में दूसरी बड़ी कामयाबी मिली थी, जब उनकी पार्टी के एम एस धीर असेंबली स्पीकर चुन लिए गए। लेकिन जैसे ही वह बाहर निकले, मीडिया ने मकान को लेकर उन पर सवालों की बारिश कर दी।

उन्होंने कहा, “कोई बंगला नहीं है। पांच-पांच कमरों के दो डुप्ले हैं। हम एक ही घर में रहेंगे। दूसरा ऑफिस के लिए इस्तेमाल होगा। आपको तो खुश होना चाहिए। देर रात और सुबह निकलते ही काम करना शुरू कर देंगे।”

अ‌रविंद केजरीवाल ने कहा, “‌पांच कमरे के मकान में रहने का क्या हर्ज है। आप चाहें, तो वहां जाकर देख सकते हैं। मैं पहले भी चार कमरे के मकान में रहता था, अब पांच कमरे हैं। ज्यादा फर्क तो नहीं है। और अगर आप लोगों को ऐतराज है, तो वहां नहीं रहेंगे।”

[bannergarden id=”11″]

क्या सरकारी गाड़ी छोड़ेंगे AAP के मंत्री?

आम आदमी पार्टी के मंत्रियों के सरकारी गाड़ियों के इस्तेमाल को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। केजरीवाल के बड़ा मकान छोड़ने के बाद क्या अब AAP के मंत्री भी सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल बंद कर देंगे।

सरकारी कार इनोवा में सवार होकर जा रही महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री राखी बिरला से जब इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “जरूरत पड़ेगी तो हम सरकारी गाड़ी लेंगे। क्यों नहीं लेंगे, जरूर लेंगे और डंके की चोट पर लेंगे! हमने लाल बत्ती वाली गाड़ी से मना किया था, सरकारी गाड़ी के बारे में कुछ नहीं कहा था”

दिल्ली के नए शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी सफाई दी कि गाड़ी न लेने का कोई वादा नहीं किया गया था। यह बात और है कि केजरीवाल ने कहा ‌था कि विधायकों से यह हलफनामा दाखिल कराया जाना चाहिए कि वह सरकारी गाड़ी या बंगला नहीं लेंगे!

[bannergarden id=”17″]

बचाव में उतरी केजरीवाल की टीम

पहले आम आदमी पार्टी सरकारी बंगले लेने के फैसले पर अरविंद केजरीवाल का बचाव कर रही थी। कुमार विश्वास ने कहा था कि केजरीवाल ने केवल दो कमरों का मकान लिया है और दूसरा मकान कैंप ऑफिस के रूप में इस्तेमाल होगा।

लेकिन जब केजरीवाल ने यू-टर्न लिया, तो पार्टी के नेताओं ने एक बार फिर आगे आकर उनका बचाव करने का जिम्मा संभाला। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से बाहर निकलने पर जब पूछा गया तो उन्होंने कहा, “यह लोकतंत्र के लिए अच्छा है। लोग अगर‌ किसी चीज पर सवाल उठा रहे हैं, तो उस पर तुरंत फैसला होना चाहिए।”

सिंह ने कहा, “केजरीवाल जनता का मूड भांपते हुए तुरंत फैसले करने के लिए जाने जाते हैं और सरकारी मकान लेने के मामले में भी उन्होंने ऐसा ही कुछ किया है। इसका स्वागत होना चाहिए।”