Countdown2015: पप्पू, फेंकू, खुजलीवालः इस साल नेताओं को मिले नए नाम!

FARRUKHABAD NEWS FEATURED

modi-rahul-digvijay-kejriwalपप्पू, फेंकू, नमो, खुजलीवाल! इन लफ्जों में एक पूरी कहानी सिमटी है। किसी न किसी नेता का पूरा किरदार एक शब्द में बांध दिया गया है। यह मजाकिया भी लग सकते हैं और अपमानजनक भी। लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि ये जुमले इस साल छाए रहे। चाहते न चाहते हुए इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।हर दिन गुजरने के साथ मजबूत हो रहे सोशल मीडिया ने राजनीति से लेकर समाज तक, सभी को प्रभावित किया।

इसी असर की एक बानगी पेश की सोशल मीडिया की वर्चुअल दुनिया से निकले कुछ मजेदार राजनीतिक जुमलों औ चुटकुलों ने, जो कंप्यूटर-मोबाइल की दुनिया से निकलकर असल राजनीति की जमीन पर उतरे और हमला बोलने के लिए हथियार भी बनाए गए।

पप्पू से लेकर फेंकू तक और खांग्रेस से लेकर नमाजवादी पार्टी तक, ये कुछ ऐसे जुमले रहे जो साल भर गूंजे। कभी भाजपा समर्थक, तो कभी कांग्रेस समर्थकों ने नए-नए जुमले इजाद किए।

साथ ही दिल्ली विधानसभा में धूम-धड़ाके के साथ आई आम आदमी पार्टी के समर्थकों ने भी सोशल मीडिया में अपनी जोरदार मौजूदगी दर्ज कराई। आइए जिक्र करें उन राजनीतिक जुमलों का, जो बीते साल लफ्ज न रहकर इससे कहीं ज्यादा बन गए।

पप्पू/अमूल बेबीः राहुल गांधी पर हमला!

पप्पू शब्द दरअसल सोशल मीडिया में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। सोशल मीडिया में भाजपा समर्थक लंबे समय से इस शब्द के जरिए राहुल गांधी पर निशाना साधते आए हैं। वैसे तो फेसबुक से लेकर ट्विटर पर इसे खूब इस्तेमाल किया जा रहा था, लेकिन पहली बार ये चर्चा में तब आया जब राहुल गांधी ने सीआईआई में अपना भाषण दिया।

[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
एक तरफ जहां राहुल गांधी सीआईआई में अपना भाषण दे रहे थे, वहीं ट्विटर पर भाजपा समर्थक इस इस शब्द के जरिए उनकी खिल्ली उड़ा रहे थे। सोशल मीडिया में राहुल गांधी के लिए पप्पू के अलावा अमूल बेबी भी खूब इस्तेमाल किया जाता है। विरोधी उन्हें नौसिखिए या हमेशा अपनी मां के आंचल में छिपे रहने वाले नेता के रूप में पेश करते हैं और इसी वजह से ये शब्द इस्तेमाल किए जाते हैं।

सोशल मीडिया से इतर सार्वजनिक मंच से भी योगगुरु रामदेव और हाल ही में रेप के आरोपों में फंसे आसाराम बापू ने खुलेआम राहुल गांधी के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया। भाजपा नेता और पूर्व मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से राहुल गांधी के लिए इसी शब्द का इस्तेमाल करते हैं।

फेंकूः मोदी पर आक्रमण का हथियार!

राहुल गांधी के सीआईआई के भाषण के दौरान जब सोशल मीडिया में पप्पू शब्द का इस्तेमाल किया, तो इसकी चर्चा मेनस्ट्रीम मीडिया से लेकर पूरे देश में की जाने लगी। जवाबी हमले में कांग्रेस समर्थकों ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के लिए सोशल मीडिया में फेंकू शब्द का इस्तेमाल किया। जब-जब नरेंद्र मोदी की रैलियां होती तो कांग्रेस समर्थक मोदी के फेंकू शब्द का इस्तेमाल करते।

इसी का नतीजा था कि मोदी के फिक्की भाषण के दौरान ‘फेंकू’ शब्द ट्विटर पर ट्रेंड हुआ। इसके बाद मोदी के लिए फेंकू शब्द का सोशल मीडिया में आम हो गया। नरेंद्र मोदी के कथित विकास की पोल खोलने के लिए फेंकू नाम से एक वेबसाइट भी शुरू की गई।

जहां गुजरात के असल आंकड़ों की तस्वीरें जारी की गई। इन दोनों नेताओं की रैली के दौरान सोशल मीडिया में फेंकू और पप्पू शब्द ट्रेंड करवाया जाने लगा। दरअसल मोदी के कथित विकास की पोल खोलने के लिए उनके विरोधियों ने ये शब्द गढ़ा। इसके अलावा उत्तराखंड आपदा के दौरान चंद घंटों में कई लोगों को बचाने के ‌कथित दावे को लेकर भी मोदी को कटघरे में खड़ा किया गया था। उस समय विरोधियों ने रैम्बो कहकर उनका मजाक बनाया। सोशल मीडिया में ‘पप्पू बनाम फेंकू’ की इसी जंग को कई बार मेनस्ट्रीम मीडिया में जगह मिली।

खुजलीवालः केजरीवाल के विरोधियों की आवाज!

सोशल मीडिया की पप्पू-फेंकू वॉर के बीच असल मजा तब आया, जब आंदोलनकारी से नेता बने अरविंद केजरीवाल राजनीति में उतर आए। कांग्रेस और भाजपा के विरोध से उपजे केजरीवाल सोशल मीडिया में दोनों बड़ी पार्टियों को खटकने लगे। लगातार दोनों बड़ी पार्टियों का विरोध करने पर केजरीवाल को भी सोशल मीडिया में नया नाम दिया गया – ‘खुजलीवाल’।

अरविंद केजरीवाल का विरोध करने के लिए अक्सर उनके विरोधी इसी शब्द का इस्तेमाल करते आए। दरअसल, केजरीवाल को ये नाम उनके सनसनीखेज खुलासों पर व्यंग्य करते हुए दिया गया। खुजलीवाल के अलावा अरविंद के विरोधी उनके लिए ‘फर्जीवाल’ शब्द भी सोशल मीडिया में इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अरविंद केजरीवाल कांग्रेस से एक मामले में आगे निकले और वो था उनके पीछे खड़ी उनकी डेडिकेटिड साइबर टीम।

मुख्य तौर पर भाजपा समर्थकों के निशाने पर रहने वाले केजरीवाल की टीम ने सोशल मीडिया पर उनकी आलोचनाओं का जमकर जवाब दिया। ये केजरीवाल की साइबर टीम के आक्रमक कैंपेनिंग का ही कमाल था कि चुनाव से पहले ट्विटर-फेसबुक पर लगातार आम आदमी पार्टी ट्रेंड में बनी रही।

निक्कूः नीतीश कुमार पर वार!

सोशल मीडिया में निक्कू शब्द बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए इस्तेमाल किया जाता है। दरअसल नीतीश कुमार के नाम की शॉर्ट फॉर्म के तौर पर निक्कू नाम सोशल मीडिया में गढ़ा गया। ट्विटर पर खास तौर पर इस नाम का इस्तेमाल किया जाता है।

जेडीयू और भाजपा के बीच हुए मतभेद के दौरान सबसे ज्यादा इस शब्द का इस्तेमाल किया। ये शब्द भाजपा समर्थित इंटरनेट यूजर्स ने इजाद किया था। इशरत जहां मामले में नीतीश कुमार की राय हो या बिहार में यासीन भटकल की गिरफ्तारी, भाजपा समर्थकों ने इस शब्द से ही नीतीश कुमार पर निशाना साधा था। वहीं भाजपा और जेडीयू गठबंधन के टूटने पर के दौरान सोशल मीडिया में नमो और निक्कू शब्द खूब चले। नीतीश के अलावा बिहार भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को सूमो शब्द से संबोधित किया जाता है।

खांग्रेसः सत्तारूढ़ दल पर चोट!

सोशल मीडिया में भगवा ब्रिगेड कांग्रेस पार्टी के लिए खांग्रेस शब्द का इस्तेमाल करती है। पार्टी की आलोचना हो या पार्टी के नेताओं को आड़े हाथों लेना हो, अक्सर इसी लफ्ज का इस्तेमाल किया जाता है। इस शब्द के जरिए भाजपा समर्थित यूजर्स या भगवा ब्रिगेड कांग्रेस पर हमला बोलती है। इस शब्द का इस्तेमाल अक्सर फेसबुक पर ज्यादा किया जाता है और इसका जन्म भी वहीं हुआ है।

दरअसल, विरोधी पार्टी का सीधे नाम लेने से बचने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल प्रतीक के तौर पर करते हैं। सोशल मीडिया में इस शब्द का प्रयोग कांग्रेस की कथित म‌ुस्लिम तुष्टीकरण की नीति के विरोध में ज्यादा होता है।

नमोः मोदी समर्थकों ने गढ़ा नया नाम!

ये नाम भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। दरअसल सोशल मीडिया में ये नाम मोदी के प्रशंसकों ने गढ़ा है। नीतीश कुमार के निक्कू और सुशील मोदी के सूमो की तरह मोदी के लिए नमो शब्द इस्तेमाल किया जाता है।

नरेंद्र मोदी को भगवान के तौर पर पूजने वाले उनके समर्थक इस नाम का इस्तेमाल करते हैं। छोटे नाम की पूरी फेहरिस्त माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर की पैदाइश है। सीमित शब्दों के कारण ट्विटर पर ऐसे छोटे नामों का इस्तेमाल किया जाता है। भाजपा की पूरी साइबर टीम नरेंद्र मोदी का प्रचार इसी शब्द के सहारे करती है। मोदी के समर्थित फेसबुक पेज हों या साइट, वो साइबर दुनिया में मोदी को नमो के तौर पर प्रचारित-प्रसारित करते हैं। ये शब्द मोदी की सकारात्मक छवि बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

भौंकूः दिग्गी पर तीर!

राजनीति में अक्सर अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह सोशल मीडिया के लिए हमेशा हॉट टॉपिक रहे हैं। नरेंद्र मोदी और आरएसएस पर अपने बयानों को लेकर दिग्गी भाजपा समर्थकों के निशाने पर रहते हैं। कांग्रेस समर्थकों ने जब नरेंद्र मोदी के लिए फेंकू शब्द निकाला, तो इसके काउंटर के लिए मोदी समर्थकों ने भौंकू शब्द इजाद किया।

ये नाम उनके अजीब-गरीब बयानों को लेकर दिया। जब-जब दिग्विजय सिंह के अजीब और विवादास्पद बयान सामने आएं हैं, तब सोशल मीडिया में भौंकू नाम से उनकी खिल्ली उड़ाई गई है। हालांकि, सोशल मीडिया में कुछ और भी विवादस्पद नाम से उन्हें संबोधित किया जाता रहा है।