FARRUKHABAD : प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था का क्या हाल है यह तस्वीर चिंघाड़ चिंघाड़ कर वयां कर रही है। घायल, घायल को बोतल टांग रहा है। डाक्टर लापरवाही में कोई कोताही नहीं बरत रहे हैं। बगैर राजनीतिक और असरदार व्यक्ति के फोन घनघनाने के बाद भी चिकित्सक थोड़ा बहुत हाथ पैर अवश्य चलाते हैं।
अखिलेश राज में सब कुछ ठीकठाक और अच्छा चल रहा है यह सपाई मंच से चिल्ला चिल्ला कर कहते हैं। लेकिन जमीनी हकीकत बाकई में कुछ और है। स्वास्थ्य विभाग तो इसमें नम्बर वन है। दर असल मैजिक और रोडवेज की टक्कर में डेढ़ दर्जन लोग घायल हुए। जिनको लोहिया अस्पताल में भिजवाया गया था। घायलों में 50 वर्षीय ग्रीशचन्द्र पुत्र इतवारी व उसका भाई 45 वर्षीय रतीराम निवासी मलौथा हरपालपुर हरदोई भी पहुचे।
मौके पर डाक्टर मनोज रत्मेले ड्यूटी पर तैनात थे। मरीजों की संख्या कुछ ज्यादा हो गयी। डाक्टर ने इलाज शुरू किया। लेकिन संख्या अधिक होने की बजह से डाक्टर असहाय नजर आये। घायल छविराम के भाई ग्रीशचन्द्र को बोतल टांगी गयी लेकिन न वहां बोतल का स्टैंड मिला और न ही बोतल को पकड़ने के लिए। मजबूरन घायल को बोतल पकड़कर खड़ा होना पड़ा। देखने वालों ने सपा सरकार की योजनाओं और उनके कारिंदों के विषय में जो कहा वह लिखा नहीं जा सकता। करोड़ों रुपये प्रति माह का वेतन इसी अस्पताल के डाक्टरों व कर्मचारियों को मिलता है लेकिन जब जरूरत हो तब चिकित्सक हिलने तक में सकुचाते हैं।
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घायलों के सम्पर्की सपा नेता व जिला पंचायत सदस्य भी लोहिया अस्पताल पहुंचे और यह दृश्य देखकर फोन पर लोहिया अस्पताल के सीएमएस डा0 ए के मिश्रा से बात की। सपा नेता का फोन पहुंचने के बाद सर्जन डा0 अनल शुक्ला आपातकालीन बार्ड में मरीजों को देखने के लिए पहुंचे। लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला।