फैसले पर डटी ‘AAP’, किरण बेदी का फॉर्मूला किया खारिज

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Kejarivalनई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद राजधानी में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सीटों के आंकड़े को देखते हुए किसी की भी सरकार बनती नहीं दिख रही है। निगाहें आप की ओर है लेकिन उसने साफ कर दिया है कि वो दोबारा चुनाव के लिए तैयार है। आप ने किरण बेदी का प्रस्ताव भी ठुकरा दिया है जिसमें में उन्होंने बीजेपी और आप को मिलकर सरकार चलाने की सलाह दी थी।

दिल्ली से सियासी हालात पर आगे की रणनीति तय करने के लिए अरविंद केजरीवाल के घर पर आप नेताओं की बैठक हुई, जिसके बाद साफ कर दिया गया कि आप दोबारा चुनाव के लिए तैयार है। आप ने शाम 5.30 बजे विधायक दल की भी बैठक बुलाई है।

हम सरकार नहीं बनाएंगे- सिसोदिया

बैठक के बाद आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमारे पास में बहुमत नहीं है और हम सरकार नहीं बनाएंगे। कांग्रेस बीजेपी को समर्थन देना या लेना हमारे लिए संभव नहीं है। 5.30 बजे शाम को विधायकों के साथ बैठक होगी। हम दोबारा चुनाव के लिए तैयार हैं। बात कॉन्फिडेंस की नहीं है ये परिस्थिति की बात है। दिल्ली की जनता ने किसी को जनादेश नहीं दिया है।

वहीं आप नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हमने पहले ही कहा था के हम न किसी से समर्थन लेंगे न देंगे। हमने दिल्ली कि जनता से जनादेश मांगा था। चुनाव के परिणाम आ गए हैं। हमें जनता का नैतिक और राजनैतिक समर्थन मिला है, लेकिन हमें बहुमत नहीं मिला है। हम नंबर एक पर भी नहीं हैं, इसलिए बीजेपी का अधिकार और ज़िम्मेदारी है कि वो सरकार बनाने की कोशिश करे। एक नंबर कि पार्टी दूसरे नंबर की पार्टी से कह रही है कि आप सरकार क्यों नहीं बना रहे। पहली बार देखा है कि कोई रनर अप पार्टी के लिए इतना उत्साह हो।

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किरण का प्रस्ताव ठुकराया

वहीं, किरण बेदी ने ट्वीट कर कहा कि बीजेपी और आप को साझा न्यूनतम कार्यक्रम बनाकर सरकार चलानी चाहिए। दोबारा चुनाव जनता से अन्याय होगा। सुशासन देना आप और बीजेपी दोनों की जिम्मेदारी है। लेकिन किरण के प्रस्ताव को आप ने तुरंत ठुकरा दिया है।

4 सीट दूर रह गई बीजेपी

आम आदमी पार्टी ने जबरदस्त कामयाबी हासिल की, वहीं बीजेपी बहुमत से 4 सीट दूर रही गई और 32 सीट ही हासिल कर पाई। उधर, कांग्रेस महज 8 सीटों पर ही सिमट गई। आप ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 28 सीटों पर कब्जा जमाया है और सबकी निगाहें उसकी ओर ही जमी हुई है।

लेकिन सीटों के इस आंकड़े ने दिल्ली को बहुमत के पेंच में फंसा दिया है। आप ने किसी भी कीमत पर समर्थन लेने या देने से इनकार कर दिया है। इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने भी साफ कर दिया कि पार्टी दोबारा चुनाव के लिए तैयार है।