लखनऊ: हमारी बेटी उसका कल योजना का लाभ इस बार विवाहित बेटियों को नहीं मिलेगा। सरकार सबसे पहले अविवाहित बेटियों को ही यह लाभ देगी। साथ ही सरकार ने इस योजना की अनुदान राशि भी 30 हजार से घटाकर 20 हजार रुपये कर दी है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के इस प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। जल्दी ही इसका औपचारिक आदेश जारी हो जाएगा।
गरीब अल्पसंख्यक परिवारों की कक्षा 10 पास बेटियों को आगे की पढ़ाई या फिर शादी के लिए सरकार अनुदान देती है। इस योजना का प्रदेश में यह दूसरा वर्ष है। लिहाजा, काफी अधिक संख्या में बेटियों ने आवेदन कर दिया है। लोकसभा चुनाव भी सामने हैं इसलिए सरकार किसी भी अल्पसंख्यक को नाराज नहीं करना चाहती।
योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा बेटियों को मिले, इसलिए सरकार ने इस साल अनुदान राशि भी घटाकर 20 हजार रुपये कर दी है। सरकार ने योजना में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए यह भी तय किया है कि सबसे पहले अविवाहित बेटियों को ही इसका लाभ दिया जाए। चूंकि चुनाव पास हैं इसलिए इसे भी सरकार ने बड़ी चतुराई से लागू किया है। अपने आदेश में कहा है कि पहले अविवाहित बेटियों को ही लाभ दिया जाए।
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इसके बाद यदि बजट बचे तभी शादी-शुदा बेटियों के आवेदन पर विचार हो। इस बार काफी अधिक संख्या में आवेदन आए हैं इसलिए बजट राशि बचना बहुत मुश्किल है।
उम्रदराज महिलाओं ने भी लगाई अर्जी
इस बार काफी उम्रदराज व शादी-शुदा महिलाओं ने भी इस योजना में आवेदन कर दिया है। कई जिलों में तो अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों व मदरसा संचालकों की मिलीभगत से 35 से 40 वर्ष की महिलाओं ने भी हमारी बेटी उसका कल योजना में आवेदन किया है। सरकार ने इसी तरह का फर्जीवाड़ा रोकने के लिए यह कदम उठाया है।
पौने दो लाख बेटियों को मिलेगा लाभ
अनुदान राशि घटाने से अब प्रदेश में करीब 1.70 लाख बेटियों को इस योजना का लाभ मिल जाएगा। सरकार ने इसके लिए इस वर्ष 350 करोड़ रुपये का बजट रखा है। 30 हजार रुपये के हिसाब से मात्र 1.15 लाख बेटियों को ही लाभ मिलता। इसलिए सरकार ने इसे घटाकर 20 हजार किया है। इस बार 1.96 लाख बेटियों ने इस योजना के तहत आवेदन किया है। इसमें 10 प्रतिशत आवेदन ऐसे हैं जिन्होंने फर्जी मार्क्सशीट लगाई है। जांच में ये आवेदन निरस्त हो जाएंगे। साथ ही विवाहित लड़कियों को योजना से बाहर करने से 1.70 लाख ही बेटियां बचेंगी। इन सभी को सरकार योजना का लाभ दे देगी। वहीं पिछले वर्ष सरकार ने 236 करोड़ रुपये ही वितरित किए थे और 78796 बेटियों को ही लाभ दिया था।