पैन्टून पुल निर्माण को लेकर जेई व ग्रामीणों में विवाद

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KAMALGANJ (FARRUKHABAD) : जनपद में गंगा के तराई क्षेत्र में सड़कों, बांधों, पैन्टून पुलों, परको पाइन इत्यादि के नाम पर प्रति वर्ष लाखों रुपये का गोलमाल अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा कर लिया जाता है। इसी गोलमाल को अमली जामा पहनाने की तैयारी में पीडब्लूडी विभाग के जेई ने वर्षों से एक ही जगह पर बनाये जा रहे पैन्टून पुल की जगह बदलकर शकरे स्थान पर लाने का ग्रामीणों ने डटकर विरोध किया। जिससे रविवार को पैन्टूनपुल के लिए हो रहा काम रुका रहा। ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों को मौके पर बुलाये जाने की मांग की है।JE AK SINHA

विदित हो कि कमालगंज से गंगापार के लिए हर वर्ष पैन्टूनपुल मढियन घाट पर बनाया जाता है। इस वर्ष भी पी डब्लूडी विभाग द्वारा पैन्टून पुल बनाने की प्रक्रिया शुरू की गयी लेकिन पीडब्लूडी विभाग के जेई ए के सिन्हां ने कर्मचारी व मजदूर लगाकर परम्परागत जगह छोड़कर भोजपुर के सामने पुल बनाने के लिए सामान एकत्रित करवाने लगे।

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क्षेत्रीय ग्रामीणों को जब पता चला कि पैन्टून पुल मढियन घाट पर न बनकर भोजपुर के सामने बनाया जायेगा तो उन्होंने मौके पर आकर पैन्टून पुल के लिए उठाये जा रहे पीपों व अन्य सामान को ले जाने से मजदूरों को रोक दिया। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक पीडब्लूडी विभाग से अधिकारी नहीं आयेंगे तब तक सामान नहीं ले जाने दिया जायेगा। रेती का सामान ले जाने व कमालगंज के लिए आने जाने का एक ही साधन है।PANTOON PUL
विरोध करने वालों में इरफान, बहाबुद्दीन प्रधान, इरशाद, अनवार, प्रमोद यादव, सोलंकी, सोमवती, मीरादेवी, कमलेश कुमारी सहित एक सैकड़ा लोग शामिल रहे।

वहीं जब इस सम्बंध में जेई ए के सिन्हा से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिस जगह पर पैन्टून पुल है वहां गंगा का फांट अधिक है। भोजपुर के पास गंगा का फांट कम हैं, जहां पर पुल का निर्माण किया जायेगा तो अधिक टिकाऊ रहेगा।