FARRUKHABAD : बीते 6 दिनों से मुजफ्फर नगर दंगों की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे बाबू सिंह को बीती रात सिटी मजिस्ट्रेट व अन्य पुलिसकर्मियों ने अनशन तुड़वाने का प्रयास किया व बाबू सिंह को लोहिया अस्पताल में दवा इत्यादि के लिए लेकर गये। जहां अनशन न तोड़ने की जिद पर अड़े बाबू सिंह को लोहिया गेट पर ही छोड़ दिया गया और उनका बोरिया बिस्तर भी डीएसओ कार्यालय में बंद कर दिया गया। हालांकि सोमवार को सुबह बाबू सिंह को दोबारा उनके सामान को वापस कर दिया गया।
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विदित हो कि अनशन पर बैठे बाबू सिंह की मांग है कि मुजफ्फरपुर कबाल काण्ड दंगों की निष्पक्ष जांच सीबीआई द्वारा करायी जाये। निर्दोष लोगों को तुरंत रिहा किया जाये। दंगे में किसानों के हुए नुकसान का पूरा मुआवजा दिया जाना चाहिए। हडौली गांव की महिला आंदोलन कारियों को न्याय दिया जाये व अन्य लोगों को मुलाकात करने दी जाये।
बाबू सिंह का कहना है कि सीवीआई से जांच करायी जाये जिससे सब कुछ सत्य साबित हो जायेगा। वोट की राजनीति करने वाले नेताओं का मुहं बंद हो जायेगा और हिन्दू मुस्लिम दोनो समुदायों को न्याय मिल जायेगा। उन्होने आरोप लगाया कि सरकार मुजफ्फर नगर में धारा 144 लागू किये है। इतने लम्बे समय तक धारा 144 लगाया जाना कानून का दुरुपयोग है। सरकार शासन चलाने में विफल है। धर्मवीर, महावीर, कमला, जगवीर, श्यामा, निर्मला, सुनीता, बाला, बविता, रूवी, मूर्ती आदि अनशन में शामिल है।
बीती रात अनशन कर रहे बाबू सिंह के पास सिटी मजिस्ट्रेट प्रभुनाथ पहुंचे और उन्होंने बाबू सिंह व उनके साथियों से कहा कि सर्दी बहुत अधिक है आपकी तबियत भी ठीक नहीं है। जिससे आपको लोहिया अस्पताल में दवा इत्यादि दिलवा दें। जिसके बाद बाबू सिंह को लोहिया अस्पताल लाया गया। लेकिन लोहिया अस्पताल में बाबू सिंह ने दवा इत्यादि नहीं ली तो उन्हें लोहिया अस्पताल के गेट पर ही छोड़ दिया गया और अनशन न करने की बात कही गयी। बाबू ंिसह के सामान को भी डीएसओ कार्यालय में ही बंद करवा दिया गया। डीएसओ कार्यालय के सामने बने गेट को भी बंद कर दिया गया। जिसके बाद रात में बाबू सिंह ठिठुरते हुए डीएसओ कार्यालय गेट पर ही अनशन करते रहे। सुबह प्रशासन द्वारा दोबारा उनके सामान को वापस कर दिया और बाबू सिंह पहले की तरह दोबारा छठे दिन अनशन पर बैठ गये।