जेब न हो खाली, हो खुशियों की दीवाली

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दीपावली एक ऐसा त्योहार है, जिस पर हम हिन्दुस्तानी शायद सबसे ज्यादा पैसा खर्च करते हैं और करना चाहते हैं। मामला चाहे घर की साफ-सफाई का हो, लाइटिंग का हो, शॉपिंग का हो, एक-दूसरे को गिफ्ट देने का हो, बम-पटाखे खरीदने का हो या फिर मिठाइयों का..हर चीज में हम भरपूर पैसा खर्च करते हैं। लेकिन कई बार होता यह है कि हम उत्साह में जरूरत या बजट से ज्यादा पैसा खर्च देते हैं और फिर बाद में पछताने के सिवाय कोई और चारा नहीं बचता। किस तरह हम दीवाली से पहले फाइनेंस मैनेजमेंट के जरिये कम बजट में ही ज्यादा खुशियां और रोशनी बटोर सकते हैं, एक रिपोर्ट

लीजिए, गुनगुनी सर्दियों के साथ दीवाली भी बस आ ही गयी। और इसके साथ ही मन में उत्सवधर्मिता की ऐसी लाइट्स जलने लगीं, जो आपको बहुत कुछ करने के लिए प्रेरित करती हैं। मन कहता है इस बार दीवाली पर घर में भरपूर रोशनियां हों, खूब सारी शॉपिंग हो, नये कपड़े खरीदे जाएं, बम-पटाखों में इस बार अपने हर पड़ोसी को पछाड़ दिया जाए। और हां, घर में मिठाइयों के डिब्बे पिछले साल की तुलना में ज्यादा आने चाहिए। मन आखिर ऐसा क्यों ना चाहे! आखिर दीवाली है ही ऐसा त्योहार, जिस पर हम भारतीय सबसे ज्यादा पैसा खर्च करते हैं। लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत उस समय आती है, जब दीवाली आते-आते आपका बजट पूरी तरह हिल चुका होता है। कई गैर-जरूरी कामों में आप पैसा खर्च कर चुकी होती हैं और कई जरूरी काम अधूरे रह जाते हैं। तो क्यों न इस बार फाइनेंस मैनेजमेंट यानी पैसे की व्यवस्था इस तरह से की जाए कि आपके घर में रोशनियों की भी कोई कमी न हो और पैसा भी कम खर्च हो।

बजट बनाकर करें शुरुआत

अक्सर हम दीपावली पर बिना बजट बनाए ही खर्च करना शुरू कर देते हैं। जब जो खर्चा करना होता है, करते रहते हैं। जब जिस मॉल में जाना हुआ चले गये और भरपूर शॉपिंग कर ली। इसका नतीजा यह होता है कि आपकी दीवाली का बजट बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और दीवाली के बाद तक आप आर्थिक संकटों से जूझती रहती हैं। लिहाजा इस दीवाली पर सबसे पहला काम यह करिये कि बजट बनाइये। यह तय करिये कि आपको इस दीवाली पर कितना रुपया खर्च करना है। इसके बाद इस कुल राशि को इस तरह से बांट लें कि आपको किस मद में कितना रुपया खर्च करना है। इस बजट का सख्ती से दीवाली तक पालने करेंगी तो आप पाएंगी कि आपकी इस बार की दीवाली पर आपने कम पैसे में ही पर्याप्त खुशियां पाई हैं।

कम खरीदें गिफ्ट्स

दीवाली पर सबसे अहम काम होता है गिफ्ट्स बांटना। दीवाली आने से पहले ही हमलोग मेहमानों, दोस्तों, ऑफिशियल्स, प्रेमी/प्रेमिकाओं, अड़ोसी-पड़ोसी और अन्य परिचितों की सूची बनाने लगते हैं और यह सोचने लगते हैं कि इस बार इन सब लोगों को क्या गिफ्ट दिया जाए। मजेदार बात है कि हम उन लोगों की सूची तो बनाते हैं, जिन्हें हमें गिफ्ट देना है, लेकिन उन लोगों की सूची नहीं बनाते, जिनसे हमारे पास गिफ्ट आना है। इसका परिणाम यह होता है कि देने वालों को गिफ्ट देने में तो हम पैसा खर्च कर देते हैं, लेकिन जो गिफ्ट हमारे पास आते हैं वे बेकार पड़े रह जाते हैं। इसलिए बेहतर यही है कि यदि हमें पचास लोगों को गिफ्ट देना है तो हमें केवल 25 गिफ्ट ही खरीदने चाहिए। बाकी 25 लोगों को हम मिले हुए गिफ्ट दे सकते हैं। इससे आपका खर्च भी कम होगा।

गैर जरूरी चीजें न खरीदें

बाजार का आकर्षण दुनिया में सबसे ज्यादा होता है। जब आप बाजार में जाती हैं तो वहां आपको तमाम ऐसे उत्पाद देखने को मिलते हैं, जो आपको बेहद आकर्षित करते हैं। इस आकर्षण में कई बार आप यह भी भूल जाती हैं कि उस उत्पाद की आपको जरूरत है या नहीं। ना ही आप उसके मूल्य की परवाह करती हैं, बस उसे खरीद लेती हैं। इन उत्पादों में मिठाइयों से लेकर क्रॉकरी और अन्य इलेक्ट्रिकल सामान तक हो सकता है।  लिहाजा जब भी आप बाजार जाएं, केवल वही सामान खरीदें, जिसकी आपको जरूरत हो।

कुछ दिन पहले करें शॉपिंग

दीपावली के दिन बाजारों की रौनक देखने के लालच में आप अपनी शॉपिंग को छोटी दीवाली तक टालती रहती हैं। यानी आप शॉपिंग के लिए जिस दिन बाजार पहुंचती हैं तो वहां बेपनाह भीड़ होती है। ऐसे में न तो आप मोल-तोल कर पाती हैं और न ही खरीदे जा रहे सामान की ठीक से जांच कर पाती हैं। बाजार की भीड़ देख कर आप यही सोचती हैं कि जैसे-तैसे सामान खरीद लिया जाए। दुकानदार भी यह जानता है कि आज ग्राहक से ज्यादा पैसे भी वसूले जा सकते हैं। लिहाजा दीवाली से कुछ दिन पहले शॉपिंग करें और इसी तरह जिन लोगों को आपको गिफ्ट देना है, वह भी दीवाली से दो-चार रोज पहले ही दें। इससे आपको सुविधा तो होगी ही, आपका खर्च भी कम होगा और आप क्वालिटी प्रोडक्ट खरीद पाएंगी।