नई दिल्ली। साल 2014 में होने वाले आम चुनावों में क्षेत्रीय पार्टियां अहम भूमिका निभाने जा रही हैं। 543 सदस्यीय लोकसभा में क्षेत्रीय पार्टियों को कम से कम 240 सीटें मिलेंगी और सरकार बनाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी। बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी भी पार्टी की नैया पार नहीं लगा पाएंगे। उन्हें पीएम बनने के लिए क्षेत्रीय पार्टियों का सहारा लेना पड़ेगा। एक सर्वे में ऐसा दावा किया गया है।
यूपीए पर भारी एनडीए
इंडिया टीवी-टाइम्स नाउ-सी वोटर के सर्वे में बताया गया है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एनडीए को सत्ताधारी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यूपीए से ज्यादा सीटें हासिल होंगी। सर्वे के मुताबिक जहां एनडीए 2009 के संख्या बल 159 से ज्यादा 186 सीटें हासिल करेगा, वहीं कांग्रेस की अगुवाई में यूपीए 259 से खिसक कर 117 पर आ जाएगा।
[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
क्षेत्रीयों दलों के हाथ रहेगी चाबी
आम चुनाव के बाद केंद्र में सरकार के गठन की चाबी क्षेत्रीय दलों के हाथ में होगी। एआईएडीएमके, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, वाम मोर्चा, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति यानि टीआरएस) महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगी।
102 पर सिमटेगी कांग्रेस
सर्वे के मुताबिक एनडीए को 35 प्रतिशत, यूपीए को 27 प्रतिशत और क्षेत्रीय पार्टियों को 38 प्रतिशत मत मिलेंगे। पार्टीवार ब्योरे में कहा गया है कि कांग्रेस को 2009 में मिले 206 सीटों के मुकाबले 102 सीटें मिलेंगी और बीजेपी जिसे पिछले चुनाव में 116 सीटें मिली थी, को 162 सीटों पर जीत हासिल होगी।
बिहार में जेडीयू को झटका
वाम मोर्चा 32 सीटें, बीएसपी 31, एआईएडीएमके 28, सपा 25, तृणमूल 23 आरजेडी 14 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है। आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस और टीआरएस 13 सीटों पर कब्जा कर सकती हैं। बिहार में सत्ताधारी जनता दल युनाइटेड को सिर्फ 9 सीटें ही मिल सकती हैं। पिछले चुनाव में पार्टी को 20 सीटें मिली थी। तमिलनाडु में विपक्षी डीएमके की मौजूदा सदस्य संख्या 18 से घटने की आशंका है और पार्टी को 5 सीटें ही मिल सकती हैं।
मोदी का चलेगा जादू-सर्वे
वहीं इकोनॉमिक्स टाइम्स और नील्सन के सर्वे के मुताबिक उत्तर प्रदेश और बिहार में मोदी के पक्ष में माहौल बनता जा रहा है। इन दोनों राज्यों में हर दूसरा वोटर मोदी की पीएम पद की उम्मीदवारी का समर्थन करता दिख रहा है। मोदी यूपी और बिहार में राहुल गांधी से बहुत आगे निकलते दिख रहे हैं।
सर्वे में शामिल यूपी के 50 फीसदी लोग मोदी को प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं। वहीं, बिहार में 47 प्रतिशत लोगों की ऐसी इच्छा है। उधर, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश में महज 9 फीसदी लोग बतौर प्रधानमंत्री देखना चाहते हैं। लेकिन बिहार में राहुल के लिए ज्यादा समर्थन है, यहां 19 फीसदी लोग उन्हें पीएम के रूप में देखना चाहते हैं। राहुल गांधी मोदी से हर तरह के वोटरों के समूह से पिछड़ते दिख रहे हैं। स्त्री-पुरुष, उम्र या शहरी-ग्रामीण जैसे हर किस्म के वोटरों के समूह में मोदी राहुल पर भारी हैं। खास तौर पर युवा मोदी की ओर आकर्षित हैं।
सर्वे कहता है कि नरेंद्र मोदी फैक्टर के चलते बीजेपी को यूपी और बिहार में फायदा हो सकता है। सर्वे के मुताबिक यूपी में बीजेपी को 2009 में 10 सीटों के मुकाबले इस बार 27 सीटें मिल सकती हैं। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को घाटा हो सकता है जबकि बीएसपी पुराने आंकड़े के आसपास ही रह सकती है। सर्वे के मुताबिक सपा को 16, बीएसपी को 20, कांग्रेस को 12 सीटें मिल सकती हैं। इसी तरह बिहार में बीजेपी को 17, जेडीयू को 10, कांग्रेस को 4 और आरजेडी को 5 सीटें मिलने का अनुमान है। बिहार में जेडीयू को 2009 में 20, जबकि बीजेपी को 12 सीटें मिली थीं।
(एजेंसी के साथ)