नई दिल्ली: क्रिकेट के भगवान’ सचिन तेंदुलकर ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का परित्याग कर दिया। तेंदुलकर नवंबर में वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में अपना 200वां टेस्ट खेलने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लेंगे। इसके साथ ही टेस्ट प्रारूप में उनके 24 साल के स्वर्णिम करियर का अंत हो जाएगा।
क्रिकेट के बेताज बादशाह सचिन ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) की एक विज्ञप्ति में अपने संन्यास की घोषणा की। अभी तक अटकलें लग रही थी कि सचिन इस सीरीज के बाद भी खेलते रहेंगे, लेकिन टेस्ट तथा वनडे में सर्वाधिक मैचों, रनों एवं शतकों के विश्व रिकॉर्डधारी ने यह घोषणा कर इन तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया है।
40 वर्षीय सचिन ने कहा, ‘देश का प्रतिनिधित्व करना और पूरी दुनिया में खेलना मेरे लिए एक बड़ा सम्मान था। मुझे घरेलू जमीन पर 200वां टेस्ट खेलने का इंतजार है। जिसके बाद मैं संन्यास ले लूंगा।’
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1989 में अपना करियर शुरू करने के बाद पूरी दुनिया को अपनी बल्लेबाजी से चमत्कृत करने वाले और क्रिकेट इतिहास के महानतम बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन को अपना मुरीद बनाने वाले सचिन ने कहा कि मेरे लिए क्रिकेट के बिना खुद को महसूस कर पाना भी बहुत मुश्किल होगा क्योंकि 11 वर्ष की उम्र से मैं यही करता आ रहा हूं।
सचिन ने गत वर्ष दिसंबर में पाकिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए भारतीय टीम की घोषणा से पहले वनडे से संन्यास ले लिया था। सचिन ने इस वर्ष अपनी टीम मुंबई इंडियंस को आइपीएल-6 जीतने के बाद आइपीएल को और हाल में चैंपियंस लीग जीतने के बाद टी-20 क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।
क्रिकेट के बेताज बादशाह ने बीसीसीआइ को धन्यवाद देते हुए कहा, ‘मैं बीसीसीआइ को इतने वषरें में मुझे दिए गए समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं कि उसने मुझे तब संन्यास लेने की अनुमति की जब मेरे दिल ने यह फैसला किया। मैं अपने परिवार का उनके धैर्य और समझ के लिए शुक्रिया अदा करता हूं। मैं अपने प्रशंसकों और शुभचिंतकों का भी शुक्रगुजार हूं जिन्होंने अपनी प्रार्थनाओं और दुआओं से मुझे मैदान में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की ताकत दी।’