लखनऊ: पहले तो गलत फॉर्म भरा। संशोधन का मौका दिया गया तो भी नहीं सुधार पा रहे। इसके लिए उन्हें तीन-तीन मौके दिए जा चुके हैं। इसी में एक महीना गुजर गया।
यह हाल उन अभ्यर्थियों का है जो बीटीसी में दाखिला लेकर शिक्षक बनने का सपना संजोए हैं। शिक्षा विभाग के अफसर अभी तक उनके आवेदन फार्म सुधरवाने में ही जुटे हैं और सत्र लगातार लेट होता जा रहा है।
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25 हजार अभ्यर्थियों की गलती की सजा छह लाख से अधिक अभ्यर्थियों को भुगतनी होगी जिनका कोई दोष नहीं है।
बीटीसी-2013 के लिए बीटीसी में दाखिले का विज्ञापन जारी किया गया था।
दिए गए कई बार मौके
इसके लिए 26 जुलाई से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। उसके बाद 16 अगस्त तक रजिस्ट्रेशन, 19 अगस्त तक फीस और 22 अगस्त तक फॉर्म भरकर पूरा करना था।
इसमें 6, 68, 700 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। इसमें से 25, 901 अभ्यर्थी ऐसे थे जिन्होंने गलत फॉर्म भरा था। चूंकि पिछले साल गलत फॉर्म भरने वालों को संशोधन का मौका नहीं दिया गया था।
इसलिए कोर्ट ने कहा था कि छोटी सी गलती की इतनी बड़ी सजा देना ठीक नहीं। इसी को ध्यान में रखते हुए अभ्यर्थियों को इस बार संशोधन का मौका दिया गया है।
इसके लिए 26 अगस्त से दो सितंबर तक संशोधन का मौका दिया गया। इस संशोधित आवेदन की हार्ड कॉपी अभ्यर्थी को डायट में जमा करनी थी।
17 हजार ने नहीं किए संशोधन
तय तारीख के बाद भी 17 हजार से अधिक अभ्यर्थी ऐसे रह गए जिन्होंने संशोधन की प्रति जमा नहीं की। यह मानते हुए कि यह भी बड़ी संख्या है, इसलिए उन्हें फिर मौका दिया गया।
इस तरह 21 सितंबर तक छह हजार से अधिक और फिर 24 सितंबर तक करीब पांच हजार अभ्यर्थी रह गए जिन्होंने संशोधन की प्रति जमा नहीं की है। अब उन्हें चार अक्तूबर तक का आखिरी मौका फिर दिया गया है।
चार अक्तूबर के बाद काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू करने में भी कम से कम 15 दिन लग जाएंगे। उसके बाद त्योहार होने की वजह से नवंबर में काउंसलिंग हो पाएगी। दाखिलों तक दिसंबर चला जाएगा। इस तरह सत्र छह महीने लेट हो जाएगा।