पुलिस उलझी- आखिर मृतक महेंद्र देर रात रेलवे ट्रैक पर पंहुचा कैसे?

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फर्रुखाबाद: एक साल में ही दो दो बेटो की घर से लाश उठ गयी| दुःख का पहाड़ तो परिवार पर टूटा ही है| पुलिस के लिए भी गुत्थियो का पहाड़ छोड़ गया है महेंद्र| लाश पटरी के किनारे मिली| देर रात में मिली| तो फिर देर रात किसके कहने या बुलाने पर महेंद्र पटरी के किनारे पंहुचा| कई पेच है जिसे पुलिस को सुलझाने है| तब तक जो कुछ कयास जनता लगा रही है वे कयास ही रहेंगे| कोई कह रहा है प्रेम प्रसंग का मामला है तो कोई सम्पत्ति का मामला| कोई दुश्मनी का मामला तो कोई रंजिश| मगर जो पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में आया उसकी रिपोर्ट से पुलिस और उलझ गयी है|

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महेंद्र सिंह राठौर की देर रात लाश सातनपुर मंडी के पीछे रेल पटरी के किनारे मिली थी| रेल की पटरी के एक तरफ मोटर साइकिल मिली तो दूसरी तरफ लाश| श्यामनगर आश्रम में महेंद्र शाम को गणेश प्रतिमा स्थापना की जगह गया| उसके बाद घर आया| फिर वापस घर से गया तो वापस नहीं लौटा| लाश के पास ही उसका मोबाइल भी बरामद हो गया| मगर दूसरा मोबाइल नहीं मिला| तो क्या उसकी हत्या की गयी? कौन कर सकता है हत्या? किसी लड़की का चक्कर था? या फिर प्रॉपर्टी के धंधे में कोई मामला था| फिलहाल पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट के मुताबिक उसके शरीर पर कोई दो दर्जन दे अधिक चोटे है| जांघ की हड्डी टूटी है| फेफड़े फटे हुए पाए गए| हेड इंजरी से मौत हो गयी| डॉ टी सिंह ने महेंद्र का पोस्ट मार्टम किया है| प्रथम द्रष्टया चोटे मारपीट की नहीं लगती ऐसा बताया गया| कोतवाल रूम सिंह के लिए ये केश भी चुनौतिपूर्वक है| फोन को सर्विलांस पर लगाकर और काल डिटेल के सहारे पुलिस आगे बढ़ेगी या फिर घरवालो की किसी तहरीर के सहारे ये अनुसुल्झे सवाल अगली खबर में सुलझाएंगे|