‘न सुधरे गुरुजन तो बंद हो जाएंगे सरकारी स्कूल’

Corruption FARRUKHABAD NEWS Politics Uncategorized राष्ट्रीय

ram govind chaudhryबेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने दो टूक शब्दों में कहा है कि यदि गुरुजन अब भी न सुधरे तो 20 साल बाद सरकारी स्कूल बंद हो जाएंगे क्योंकि शिक्षकों की पगार पर हर साल साढ़े 12 हजार करोड़ रुपये खर्च हो रहा है और कोई सरकार इतना खर्च नहीं करेगी।

समाज में सरकारी स्कूलों के प्रति अभिभावकों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। पहले जहां शिक्षकों का सम्मान होता था, वहीं आज उन्हें कोसा जा रहा है। वे हंसी के पात्र बन गए हैं। इसलिए उदासीनता और पैसे की ललक छोड़कर शिक्षा के प्रति ध्यान देना चाहिए।

वह रानी लक्ष्मीबाई मेमोरियल स्कूल में गुरुवार को शिक्षक दिवस पर बेसिक व माध्यमिक शिक्षकों के पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
रामगोविंद ने कहा, बेसिक शिक्षा मंत्री बनने के बाद से वह दुखी हैं। इसकी वजह शिक्षक हैं। नई आर्थिक नीति से शिक्षक पैसे के पीछे भाग रहा है। उन्होंने एक वाक्या सुनाते हुए कहा कि डॉक्टरों की सलाह पर वह मार्निंग वॉक पर जाते हैं।

कुछ शिक्षक भी उन्हें घूमते मिले। शिक्षक इस दौरान केवल यही चर्चा करते दिखे कि डीए कितना बढ़ा, वेतनमान कितना होगा। शिक्षकों को कभी शिक्षण कार्य पर चर्चा करते नहीं सुना। इसलिए वह अपील करते हैं कि शिक्षक आज के दिन यह संकल्प लें कि वे बच्चों का भविष्य बेहतर बनाएंगे। शिक्षकों को कम वेतन नहीं मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि केवल प्राइमरी शिक्षा ही खराब नहीं है, उच्च शिक्षा का भी बुरा हाल है। अभी हाल ही में टीईटी का रिजल्ट आया है। उच्च प्राइमरी की परीक्षा में मात्र 6 प्रतिशत और प्राइमरी की परीक्षा में 19 फीसदी ही पास हुए हैं।

शिक्षा की स्थिति दयनीय होगी तो देश भी दयनीय होगा। स्कूलों से योग्य बच्चे निकलें इस पर ध्यान देना होगा। राज्य सरकार शिक्षकों को चिंतामुक्त करने का प्रयास कर रही है, इसलिए उन्हें शिक्षण कार्य में जुटना चाहिए। शिक्षकों को घूस देकर पोस्टिंग की लालसा नहीं पालनी चाहिए। इसलिए शिक्षक स्कूल जाएं और बच्चों को मन लगाकर पढ़ाएं।

सम्मानित शिक्षक
बेसिक शिक्षक: रामपति वर्मा विक्रमजोत बस्ती, सखावत हुसैन सादात नवाबगंज बरेली, राज किशोर मिश्र लक्ष्मणपुर लालगंज प्रतापगढ़, रामेश्वर यादव सादात गाजीपुर, गायत्री यादव सोरांव इलाहाबाद, जहूर अहमद सहारनपुर, विनोद बाला सहारनपुर, राधेश्याम शर्मा मोहब्बतपुर मुरादाबाद, शशिकांत रामपुर छितौनी एटा, नरेंद्र प्रताप सिंह सादात गाजीपुर, कृष्णा देवी सदर महराजगंज, सूरजपाल सिंह देवबंद सहारनपुर, कुसुमलता शर्मा जलेसर एटा, गोमिद राम चैनपुर बरेली, राम प्यारे सरोज कौडिहार इलाहाबाद व डॉ. सुखराम सिंह सेंगर जादौपुर बढ़पुरा इटावा।

माध्यमिक शिक्षक: डा. रामचंद्र यादव मसकनवा गोंडा, धर्मराज चौधरी गिरधरपुर सिद्धार्थनगर, शमीम बानो पत्थरगली इलाहाबाद, तेजपाल सिंह गौतमबुद्धनगर, अविनाश केवट तमकुहीराज कुशीनगर, डा. राम सुरेश मिश्र बीकापुर फैजाबाद, ऊदल सिंह यादव विशुनगढ़ कन्नौज, श्यामपाल सिंह फर्रुखाबाद, डॉ. कमल नयन सिंह यादव सैदपुर गाजीपुर।

बंद कमरों में समारोह की क्या जरूरत
माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री विजय बहादुर पाल ने कहा कि शिक्षकों का सम्मान जरूरी है, पर ऐसे कार्यक्रमों की क्या जरूरत। बंद कमरों में किसके लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ये कार्यक्रम जिलों और स्कूलों में आयोजित होने चाहिए।

शिक्षकों को भी चाहिए कि वे बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दें। हम बोलेंगे तो शिक्षक कहेंगे कि मंत्री होने के बाद बोल रहे हैं। इसलिए वह ऐसा काम करें कि किसी को बोलने का मौका न मिले।