शिक्षक दिवस विशेष- 13 साल बाद श्यामपाल ने दिलाया फर्रुखाबाद को शिक्षक सम्मान

Corruption EDUCATION NEWS FARRUKHABAD NEWS

Shyam pal singhफर्रुखाबाद: जिस जिले में सैकड़ो शिक्षण संस्थाए हो| बड़े बड़े मेडिकल कॉलेज से लेकर इंजीनियरिंग कॉलेज हो| उस जिले में पिछले 13 साल से एक भी शिक्षक फर्रुखाबाद को शिक्षा के क्षेत्र में नाम न दिला पाया हो तो अफ़सोस होता है| मगर अब 13 साल के बाद माध्यमिक शिक्षको के साथ फर्रुखाबाद के लिए भी ये गौरव वापस दिलाने में प्रधानाध्यापक श्यामपाल सिंह यादव ने कामयाबी हासिल की है| उत्तर प्रदेश सरकार ने जिन 8 शिक्षको को इस वर्ष शिक्षक दिवस पर सम्मानित करने के लिए चुना है उसमे एक नाम श्यामपाल सिंह का भी है| श्यामपाल का जन्म वर्ष 1958 को हुआ था| श्री यादव के एक पुत्र और एक पुत्री है| श्री यादव की पत्नी मुन्नी देवी यादव आर डी बालिका विद्यालय में प्रधाध्यपिका है| पुत्र अश्वनी यादव चौधरी गजराज सिंह डिग्री कॉलेज का प्रबंधन सम्भालता है| पुत्रबधू रश्मि यादव बेसिक शिक्षा में शिक्षिका है| और श्री यादव स्वयम चौधरी गजराज सिंह इंटर कॉलेज टिलिया मोहम्दाबाद में प्रधानाध्यापक है| 13 साल पहले फर्रुखाबाद को यह गौरव को कैलाश चन्द्र गंगवार ने दिलाया था| पेश है श्यामपाल सिंह से JNI NEWS की विशेष बातचीत-
[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
सवाल- शिक्षा जगत में कब प्रवेश किया?
श्यामपाल सिंह- मेरे पिताजी ने 1980 में चौधरी गजराज सिंह इंटर कॉलेज की स्थापना की थी| वे सरकारी नौकरी से सेवानिवृत हुए थे और पेंशन समय जो भी पैसा मिला उससे यह शिक्षा का मंदिर खोल दिया| और इसी के साथ मैं भी शिक्षा जगत से जुड़ गया| इसके बाद कृपाल सिंह उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय यशोदा नगर में खोल| इसी साल आर डी बालिका विद्यालय टिलिया में खोला| वर्ष 2007 में गजराज सिंह डिग्री कॉलेज की स्थापना की| वर्ष 2011 में गजराज सिंह शिक्षण संस्थान राठौर में खोला| इस प्रकार कुल पञ्च शिक्षण संसथान की स्थापना की|

सवाल: शिक्षा के अधिकार अधिनियम लागू होने से जनता को क्या लाभ मिला?
श्यामपाल सिंह: इससे बड़ा बदलाव आएगा| गरीबो की शिक्षा मुफ्त होने से उनके लिए कई रस्ते खुलेंगे| फर्जी प्रमाण पत्र से जो लोग डिग्री प्राप्त कर लेते थे उस पर भी रोक लगेगी|

सवाल: नक़ल बनाम अच्छी ज्ञानवर्धक शिक्षा पर क्या कहेगे?
श्यामपाल सिंह: नक़ल से डिग्री लेना और परीक्षा पास करना एक कैंसर के समान है| इसके लिए पूर्ण रूप से प्राथमिक शिक्षा दोषी है| प्राथमिक शिक्षा से पास होकर आया बच्चा इस काबिल नहीं होता कि माध्यमिक में कक्षा 9 की किताब भी पढ़ सके| और फिर शुरू होता है नक़ल का सफ़र| वैसे 60 प्रतिशत अभिवावक नहीं चाहता कि उसका बच्चा नक़ल से पास हो मगर जब जड़ ही कमजोर होती है तो वो भी भविष्य में एक नौकरी मिल जाने के उद्देश्य से नक़ल कराता है| प्राथमिक शिक्षा में सबसे बड़ा घुन मिड डे मील से लगा है| सरकार को प्राथमिक शिक्षा पर बहुत काम करने की जरुरत है|

जनता से कुछ कहना चाहेगे-
श्यामपाल सिंह- मैं इस पुरष्कार को अपने विद्यालय और फर्रुखाबाद की जनता को समर्पित करता हूँ| इससे मेरे विद्यालय और जनपद का भी नाम हुआ है| इससे मिलने वाली धनराशी को विद्यालय में ही लगाकर और अधिक शिक्षा जगत के लिए जो बन सकेगा करूंगा|