दिल्ली: कहते हैं, इश्क और जंग में सब जायज़ है। कीनिया में हाल ही में हुई एक शादी से यह बात और पक्की हो गई। एक ही महिला से प्यार करने वाले दो पुरुषों ने एक डील की है। डील यह है कि वह दोनों ही उसी एक महिला से शादी करेंगे जिससे वह दोनों प्यार करते हैं। वह बारी-बारी से महिला के घर में रहेंगे और महिला के दोनों बच्चों का पालन-पोषण भी करेंगे।
यह महिला दो बच्चों की मां हैं और विधवा हैं। महिला का पिछले चार सालों से दोनों पुरुषों से अफेयर चल रहा था लेकिन किसी एक पुरुष को चुनने और दूसरे को रिजेक्ट करने का फैसला वह कभी नहीं कर पाईं। नतीजा यह निकला कि दोनों पुरुषों में महिला को लेकर फसाद होने लगा। ऐसे में दोनों पुरुषों ने उस महिला से ‘शादी’ करने का बाकायदा समझौता कर लिया।
एक स्थानीय टीवी चैनल के अनुसार, दोनों ‘पतियों’ (सिल्वेस्टर वेन्दवा और एलिजाह किमानी) का कहना है, ‘हमने तय किया है कि अपनी पत्नी को लेकर हम अब एक दूसरे को न तो धमकाएंगे और न ही एक दूसरे से ईर्ष्या करेंगे। हमारी पत्नी हममें से किसी को भी छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।’
दोनों ही पतियों की ओर से यह भी कहा गया- हम लोग अपने-अपने लिए तयशुदा दिन के नियम का पालन करेगें। हम एक दूसरे को प्यार करेंगे और शांतिपूर्वक रहेंगे। इस समझौते के लिए किसी ने भी हम पर दबाव नहीं डाला है। वेन्दवा का कहना है कि भले ही यह समझौता अनोखा है लेकिन इसके साथ ही किमानी के साथ उनकी हिंसक होड़ खत्म हो गई है।
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बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, वेन्दवा ने कहा, ‘यह बहुत खतरनाक होता अगर दूसरा आदमी उनके घर आता और मुझे पकड़ लेता। इसलिए, हमारी डील सही है। यह सीमाएं तय करती है और शांति कायम करने में मदद करती है। वेन्दवा ने कहा कि वह उस महिला से शादी सेक्स के लिए नहीं कर रहे। वह महिला से प्यार करते हैं और सबसे बढ़कर उनके बच्चों से प्यार करते हैं। उन्होंने कहा, ‘आज तक मुझे किसी ने डैडी कहकर नहीं पुकारा और उनके बच्चे मुझे डैडी कहते हैं।’ वेन्दवा का कहना है कि इस शादी के लिए महिला के पैरंट्स ने भी आशीर्वाद दिया है।
शादी को कानूनी मान्यता मिलेगी?
वैसे कीनिया में इस शादी को मान्यता मिलना मुश्किल है। मान्यता तभी मिलेगी जब यह साबित किया जा सके कि बहुपति प्रथा उनके रिवाजों का हिस्सा रही है। हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक, बहुपति प्रथा कीनिया के किसी भी समुदाय में प्रचलित नहीं है।
कीनिया में पारिवारिक मामलों की एक वकील जूडी थान्गोरी ने डेली नेशन से कहा कि कीनिया का कानून बहुपति प्रथा को पूरी तरह से मना नहीं करता। हालांकि ऐसे किसी विवाह को कीनिया में मान्यता तभी मिलेगी जब वह या तो पारंपरिक शादी के तहत हो या फिर कानून के तहत।