किसान सभा ने की बिजली के निजीकरण पर रोक लगाने की मांग

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FARRUKHABAD : भारतीय किसान सभा ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपकर बिजली के निजीकरण पर रोक लगाने के साथ ही 12 सूत्रीय मांगें रखीं। भारतीय किसान सभा ने मांग की कि भ्रष्टाचार पर तत्काल अंकुश लगाने की जरूरत है।
up kisan sabhaअटल सरकार द्वारा निजी कंपनियों के पक्ष में बनाया गया विनाशकारी बिजली कानून 2003 रद्द किया जाये। 1948 का केन्द्रीय बिजली कानून पुनः बहाल किया जाये। विभाग के उच्च पदों पर नियुक्त आईएएस अधिकारियों को तुरंत हटाकर इंजीनियर्स की नियुक्ति की जाये। बिजली विभाग में निजी कंपनियों की घुसपैठ बंद की जाये व निवेश बढ़ाया जाये। भाजपा द्वारा भंग किया गया उत्तर प्रदेश बिजली बोर्ड पुनः बहाल करें। विभाग में भर्ती पर लगायी गयी रोक हटाकर संविदा कर्मचारियों को विभाग कर्मचारी घोषित करें।
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कम से कम 18 घंटे विद्युत सप्लाई बिना ट्रपिंग के दी जाये। किसानों के नलकूपों के नार्मल नलकूप कनेक्शन जारी रखे जायें। जर्जर विद्युत लाइनों एवं खराब ट्रांसफार्मरों को तुरंत बदलवाया जाये। ठेका खेती की विनाशकारी नीति वापस ली जाये।
इस दौरान मदनलाल वर्मा जिलाध्यक्ष, रामकुमार शर्मा, नत्थू सिंह, राधे, हेतराम शाक्य, सुरेशचन्द्र वर्मा, जगदीश चन्द्र, दयाराम शाक्य, बलवीर सिंह, शिवराम सिंह, जगदीश वर्मा, विजय अग्निहोत्री आदि मौजूद रहे।
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