पटना। बिहार के मानसी रेल खंड पर खगड़िया जिले के बदलाघाट रेलवे स्टेशन के पास सोमवार सुबह 8.30 बजे सहरसा से पटना जा रही राज्यरानी सुपरफास्ट ट्रेन से कुचलने से लगभग 40 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई। जबकि 20 से अधिक घायल हो गए हैं। हालांकि अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।
उग्र भीड़ ने ट्रेन के दो ड्राइवरों व रेलकर्मियों की जम कर पिटाई की और एसी की तीन-चार बोगियों को आग लगा दी। इनमें से एक ट्रेन ड्राइवर की मौत हो गई है, जबकि दूसरे ड्राइवर की हालत नाजुक बनी हुई है।
रेल सूत्रों के अनुसार दो में से एक ट्रेन समस्तीपुर-सहरसा पैसेंजर ट्रेन को बदलवा स्टेशन से आगे बढ़ा दिया गया है। जबकि दूसरी सहरसा-समस्तीपुर पैसेंजर ट्रेन के इंजन व बोगियों में आग लगा दिए जाने से वे धू-धू कर जल रही हैं। वह ट्रेन वहीं रूकी हुई है। खगड़िया के डीएम सैयद परवेज आलम व एसपी घटना स्थल पर पहुंच चुके हैं। घायलों की इलाज के लिए खगड़िया स्थित निजी अस्पताल शहीद प्रभू नारायण अस्पताल के चिकित्सकों की एक टीम घटनास्थल पर पहुंच चुकी है, लेकिन यह व्यवस्था अपर्याप्त पाई जा रही है।
कैसे हुआ हादसा
स्टेशन के पास कात्यायिनी मंदिर है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां के लिए दर्शन के लिए जा रहे थे। बताया जाता है कि दो ट्रेनें ट्रैक पर खड़ी थी और यात्री दोनों ट्रेनों से उतरकर प्लेटफॉर्म की ओर जा रहे थे, तभी बीच से राज्यरानी एक्सप्रेस तेजी से आई और उन्हें कुचल दिया। मृतकों में महिलाओं की संख्या अधिक है, मरने वालों में 8 बच्चे भी शामिल हैं। कई लाशें ट्रेन के चक्के में फंस कर दूर तक चली गई। तब राज्यरानी सुपरफास्ट एक्सप्रेस के ड्राइवर को होश आया और ट्रेन रोकी गई।
मरनेवालों में दोनों पैसेंजर ट्रेनों के यात्री शामिल थे। जिसमें अधिकतर कांवरिया थे, जो देवी के मंदिर दर्शन के लिए जा रहे थे। बताया जाता है कि श्रावण में वहां बड़ा मेला लगता है। इस बीच बदलाघाट से खगड़िया मुख्यालय व सहरसा के लिए सड़क मार्ग न होने से वहां तक राहत टीम को पहुंच पाने में भारी कठिनाई पेश आ रही है। इससे चिकित्सकों की टीम व दवाई आदि पहुंचने में भी देरी हो रही है। इस कारण घटना में गंभीर रूप से घायलों के त्वरित इलाज में परेशानी हो रही है।
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