जातीय रैलियां नहीं, RSS-VHP को बैन करे SC: मायावती

Uncategorized

Mayawatiलखनऊ। दो साल तक जेल की सजा पाने वाले नेताओं के चुनाव लड़ने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक ने राजनीतिक दलों की नींद उड़ा रखी है और इसके खिलाफ आज बीएसपी प्रमुख मायावती भी खुल कर सामने आ गईं। उनका कहना है कि केंद्र को इस फैसले के खिलाफ अपील करनी चाहिए, क्योंकि इस का राजनीतिक दुरुपयोग हो सकता है। उधर जातीय सम्मेलन पर रोक के बाद मायावती ने आरएसएस और वीएचपी जैसे संगठनों पर भी रोक लगाने की मांग की है।

सियासत में दागी नेताओं की घुसपैठ को रोकने वाला सुप्रीम कोर्ट का फैसला राजनीतिक दलों के गले की हड्डी बन गया है। हालांकि कोर्ट के इस फैसले का राजनीतिक पार्टियां सीधे तौर पर विरोध नहीं कर सकतीं, लेकिन उन्होंने इस पर अपनी नाराजगी जतानी शुरू कर दी है। लखनऊ में रविवार को मायावती ने इस फैसले पर खुल कर असहमति जताई। बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का दुरुपयोग होने की आशंका है इसलिए केंद्र से कहूंगी कि वो इस फैसले के खिलाफ अपील करे।

[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
राजनीतिक दलों को सुप्रीम कोर्ट से ही नहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट से भी तगड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने हाल में ही जातिगत राजनीतिक रैलियों पर रोक लगा दी है। कोर्ट के इस आदेश ने खास कर क्षेत्रिय पार्टियों की चिंता बढ़ा दी है। यूपी में जनाधार बढ़ाने के लिए बीएसपी, एसपी जैसी पार्टियां ऐसी रैलियों का आयोजन करती रही हैं। अब मायावती का कहना है कि उनकी पार्टी किसी खास जाति की नहीं, बल्कि सर्वसमाज की रैलियां आयोजित करेगी।

बीएसपी प्रमुख मायावती का कहना है कि जातिगत विषमताओं में हमने हमेशा ही सब को जोड़ने का काम किया है न कि तोड़ने का, हमारी सर्वसमाज की रैलियां होती रहेंगी, कोर्ट को चाहिए कि वो बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद जैसे धार्मिक संगठनों पर रोक लगाए।

लेकिन उत्तर प्रदेश में फिर से अपनी जमीन तलाश रही बीजेपी ने मायावती के इस बयान के खारिज कर दिया है। पार्टी का कहना है कि ऐसी रैलियां समाज को बांटती हैं इस लिए इस पर रोक का फैसला भी सही है।

बीजेपी नेता रवि शंकर प्रसाद का कहना है कि हाई कोर्ट ने जातिगत रैलिया पर प्रतिबंध लगाया है, ये स्वागत योग्य है। मायावती की स्पिच को लिखने वालों ने होमवर्क नहीं किया। कांग्रेस पार्टी और इनके सहयोगी दल जिसमें बीएसपी भी शामिल है, चुनाव के समय में संप्रदायवाद लाने की कोशिश कर रहे हैं और देश का माहौल बिगड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

मायावती ने इस मौके पर केंद्र की यूपीए सरकार और यूपी की समाजवादी पार्टी सरकार को भी जम कर कोसा। उन्होंने देश में बढ़ते आतंकवाद के लिए जहां केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया, वहीं उत्तर प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए समाजवादी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया।