बीएड प्रवेश : अब कॉलेजों की सीटें भरने तक होगी काउंसलिंग

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up bedप्रदेश के युवाओं में बीएड का क्रेज अब कम होता जा रहा है। तभी तो राज्य संयुक्त बीएड प्रवेश के लिए तीन चरण की नियमित काउंसलिंग और पूल काउंसलिंग के बाद भी 42 हजार सीटें खाली रह गई हैं।

ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट के तीसरे दिशा-निर्देश के तहत स्ववित्तपोषित कॉलेजों की पूरी सीटें भरने तक काउंसलिंग का सिलसिला जारी रखने की तैयारी चल रही है। प्रक्रिया अगस्त के दूसरे सप्ताह से शुरू होगी।

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बीएड में दाखिले के लिए प्रदेश के 3,78,105 अभ्यर्थियों ने प्रवेश परीक्षा दी। रिजल्ट आने के बाद तीन चरण की काउंसलिंग में एक लाख 90 हजार रैंक तक वाले अभ्यर्थियों को मौका दिया गया लेकिन लगभग 80 हजार ने ही कॉलेजों का विकल्प चुना।

1.21 लाख सीटों में से 53 हजार खाली
इसमें से 76 हजार को कॉलेज अलॉट कर दिया गया। कॉलेज अलॉटमेंट के बाद 62 हजार अभ्यर्थियों ने ही फीस जमा की। ऐसे में प्रदेश की 1.21 लाख सीटों में से 53 हजार सीटें खाली रह गईं। इन सीटों के लिए पूल काउंसलिंग कराई गई। इसमें 26 हजार अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया।

रजिस्ट्रेशन के बाद 13 हजार अभ्यर्थी ही प्रमाण-पत्रों का सत्यापन कराने आए जिसमें से 11 हजार 900 ने फीस जमा की और उसमें से भी 900 अभ्यर्थियों ने कॉलेजों का विकल्प नहीं चुना।

कॉलेजों का विकल्प चुनने के लिए आयोजक गोरखपुर विश्वविद्यालय ने तीन दिन की अतिरिक्त मोहलत भी दी थी जो शनिवार रात समाप्त हो गई। अब सोमवार से कॉलेजों का अलॉटमेंट होगा।

पूल काउंसलिंग के बाद भी बुरा हाल
इतनी कोशिशों के बाद भी 42 हजार सीटें बची हुई हैं। सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत 30 जून के पहले दाखिले की नियमित प्रक्रिया पूरी करनी थी जो समय रहते पूरी हो गई। दूसरे दिशा-निर्देश के तहत पूल काउंसलिंग भी हो गई।

अब तीसरा निर्देश है कि स्ववित्तपोषित कॉलेजों की सभी सीटें भरने तक काउंसलिंग जारी रखी जाए और इस दौरान अभ्यर्थी जो कॉलेज चाहे, उसे वह कॉलेज दिया जाए।

अगस्त में शुरू होगी काउंसलिंग
इस तीसरे दिशा-निर्देश के तहत अगस्त में काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। हालांकि, सूत्र यह भी बता रहे हैं कि इस बार जिन 11 हजार अभ्यर्थियों ने कॉलेजों का विकल्प चुना है, उसमें से ज्यादातर एससी-एसटी के अभ्यर्थी हैं जिनका दाखिला 100 रुपये शुल्क पर होना है।

अगर इन अभ्यर्थियों का दाखिला नहीं होता है तो 42 हजार में और नौ हजार खाली सीटें जुड़ जाएंगी। ऐसे में सारी सीटों को भरना मुश्किल होगा।