गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से 35 सेमी नीचे, दर्जनों ग्रामों का मुख्यालय से सम्पर्क टूटा

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FARRUKHABAD : गंगा का जल स्तर खतरे के निशान तक पहुंचने में मात्र ३५ सेमी नीचे है. जिससे गंगा की तलहटी में बसे दर्जनों ग्रामों का सम्पर्क जनपद मुख्यालय से टूट गया है। कई ग्रामों में बिजली के ट्रांसफार्मरों तक पानी भर जाने से वहां की बिजली काट दी गयी है। ग्रामीण का सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन तेज हो गया है।

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गंगा व रामगंगा की कटरी में बसे जनपद के लगभग 200 गावों के लोग इस समय बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं। गावों में पानी भर जाने से लोग अपने घरों से नहीं निकल पा रहे हैं। वहीं पशुओं के खाने के लिए ग्रामीणों के पास कुछ नहीं बचा है। खेतों में खड़ी फसलें सड़ चुकी हैं। रविवार को नरौरा बांध से एक लाख 6 हजार 913 क्यूसेक पानी गंगा में और छोड़े जाने से सोमवार तक बाढ़ की विभीषिका और भी बढ़ने की संभावना जतायी जा रही है। रविवार को गंगा का जल स्तर 136.75 मीटर पर पहुंच चुका है। वहीं रामगंगा का जल स्तर 135.10 मीटर पर टिका हुआ है। जिससे ग्रामीणों में अब हाहाकार की स्थिति बनी हुई है।

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शमसाबाद क्षेत्र के ग्राम मीरगंज, सुल्तानगंज खरेटा, अहमद गंज, न्यामतपुर भकुसा, गंडुआ, अकाखेड़ा, गंगइया सहित राजेपुर क्षेत्र के ग्राम जवाहरपुर, इमादपुर सोमवंशी, भुडि़या, चंदपुर नगरिया, लाइकपुर, सबलपुर में पानी भरा हुआ है। कई ग्रामों का सम्पर्क मुख्यालय से टूट चुका है। लोग दवा इत्यादि लेने के लिए भी नाव से मुख्य मार्ग को जोड़ने वाली सड़कों तक पहुंच रहे हैं। लेकिन प्रशासन द्वारा बाढ़ चैकियां स्थापित करने के अलावा कागजों में भी कुछ और इंतजाम नहीं किये गये है। ग्रामीण प्रशासन की अनदेखी का दंश झेल रहे हैं, बाढ़ प्रभावित ग्रामों में लगभग हर घर में एक व्यक्ति बीमार पड़ा है। जिन्हें झोलाछाप डाक्टरों का ही सहारा बना हुआ है। लेकिन प्रशासन की तरफ से स्वास्थ्य टीमों के नाम पर खानापूरी भी नहीं की जा रही है।