नगर पालिका पर भारी थानेदार, नहीं लिख रहा एफआईआर

Uncategorized

FARRUKHABAD : पुलिस चाहे तो क्या नहीं कर सकती और न चाहे तो प्रशासन को भी चकरघिन्नी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ती। साहब लेनदेन से ही मामले को रफादफा करने में यकीन रखते हैं। शांतिप्रिय पुलिस एफआईआर दर्ज करने में अक्सर इसी बजह से चकरा जाती है, एक बजह और है, फालतू की तफ्तीश, महीनों कर्मचारियों की भागदौड़ से बचने का महज एक सस्ता उपाय है। तहरीर लेकर फरियादी को जांच करने का आश्वासन देकर टरका देना। आम आदमी की तहरीर को तवज्जो न दे ंतो समझ में आता है कि पीड़ित को जानकारी नहीं थी, इस बजह से थाने के साहब ने उसे टरका दिया। लेकिन जब मामला प्रशासनिक अमले का आये और थानेदार उसे तवज्जो न दे तो बात हजम नहीं होती। ऐसा ही मामला थाना मऊदरवाजा में करवटें बदल रहा है। तहरीर एफआईआर में बदलने को छटपटा रही है लेकिन थानेदार है कि नगर पालिका की तहरीर को फाइलों में दबाकर उस पर जांच का भारी पत्थर रखे हुए है। तहरीर भी दो लोगों के बीच तनाव पैदा किये हुए है। हादसा हो सकता है। लेकिन इससे पुलिस को कोई मतलब नहीं।townhall - so shrikant copy

पहले घटना बता दें- मऊदरवाजा क्षेत्र के मोहल्ला सुभाषनगर बजरिया निवासी मनोज श्रीवास्तव पुत्र छोटेलाल श्रीवास्तव के खिलाफ 23 दिसम्बर को नगर पालिका के कार्यवाहक अधिशासी अधिकारी रवीन्द्र कुमार ने एफआईआर दर्ज कराने को लेकर एक तहरीर दी। मामला यह था कि मनोज श्रीवास्तव के सामने रह रहे कोरियर संचालक संजीव सैनी पुत्र देवीदयाल सैनी का मकान है। बीच में एक सीमेंटेड गली गुजरी है। मनोज श्रीवास्तव ने अपने घर का गंदा पानी मल इत्यादि नाली तोड़कर निकालना शुरू किया था। जिसकी शिकायत उन्होंने अधिकारियों से की।

अपर जिलाधिकारी ने नगर पालिका के ईओ को मामले के सम्बंध में संज्ञान लेने को कहा तो कार्यवाहक अधिशासी अधिकारी रवीन्द्र कुमार ने मनोज श्रीवास्तव को नोटिस भी दिया। लेकिन कोई सुधार की स्थिति नहीं बनी। जिसके बाद ईओ ने मनोज श्रीवास्तव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए थाने में तहरीर दी। लेकिन 10 दिन गुजर जाने के बाद भी पुलिस टस से मस नहीं हुई वल्कि मनोज श्रीवास्तव को बगैर एफआईआर दर्ज किये उठाकर चौकी लाया गया, जहां से उन्हें वाइज्जत रिलीव भी कर दिया गया।

[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]

इस सम्बंध में क्या कहते हैं ईओ?
कार्यवाहक ईओ रवीन्द्र कुमार ने इस सम्बंध में बताया कि उन्होंने थाना मऊदरवाजा में तहरीर दी थी। तहरीर के आधार पर पुलिस को एफआईआर दर्ज करनी चाहिए थी। लेकिन पुलिस ढिलमुल रवैया अपना रही है। श्री कुमार ने बताया कि वह इस सम्बंध में शुक्रवार को अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार से भेंट कर कार्यवाही के लिए कहेंगे और आवश्यक कार्यवाही करवायी जायेगी।

थानाध्यक्ष मऊदरवाजा से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन वह छुट्टी पर गये थे, फोन पर कार्यवाहक थानाध्यक्ष ने बताया कि उन्हें घटना के सम्बंध में कोई जानकारी नहीं है।