हाईकोर्ट में जजों के न्यायिक क्षेत्राधिकार बदले

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high court allahabadइलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च न्यायालय में गर्मियों की छुंिट्टयों के बाद जजों के न्यायिक क्षेत्राधिकार बदल दिए गए हैं। नयी व्यवस्था में अब जनहित याचिकाओं व पर्यावरण से जुड़े मामलों की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश शिवकीर्ति सिंह व न्यायमूर्ति विक्रमनाथ की खंडपीठ करेगी। इसके पहले न्यायमूर्ति सुशील हरकौली की अध्यक्षता वाली खंडपीठ जनहित याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी। न्यायमूर्ति सुशील हरकौली और न्यायमूर्ति मनोज मिश्र की खंडपीठ अब सेवा संबंधी मामलों (हाईकोर्ट-लोअर कोर्ट समेत) को देखेगी। नयी व्यवस्था आठ जुलाई से लागू होगी।
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इसी क्रम में न्यायमूर्ति लक्ष्मीकांत महापात्र और न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव की खंडपीठ विशेष अपील, शिक्षा सेवाएं और अन्य मामले सुनेगी। न्यायमूर्ति एसके सिंह तथा न्यायमूर्ति वीके श्रीवास्तव की खंडपीठ विविध याचिकाओं की सुनवाई करेगी जिसमें सुरक्षा, गनर और जीवन की स्वतंत्रता के मामले नहीं शामिल होंगे। न्यायमूर्ति सुनील अंबवानी तथा न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी आयकर, कस्टम व आबकारी व कर वसूली मामले की सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति अशोक भूषण तथा न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता की खंडपीठ शहरी सीलिंग व अन्य वित्तीय संस्थाओं की वसूली मामले व खनन मामले देखेगी। न्यायमूर्ति एसपी मेहरोत्रा तथा न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र की खंडपीठ परिवार न्यायालय अपील, राज्य पुनर्गठन मामलों की सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति विनीत सरन तथा न्यायमूर्ति बी अमित स्थालेकर की खंडपीठ स्थानीय निकाय संबंधी व सभी सहकारी समितियों, निगमों के मामले सुनेगी। न्यायमूर्ति राकेश तिवारी व न्यायमूर्ति भारत भूषण वर्ष 2009 के न्यायिक अधिकारियों, हाईकोर्ट व अधीनस्थ अदालतों के कर्मचारियों के मामले की सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति प्रकाश कृष्णा व न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका सहित आदेश के खिलाफ प्रथम अपीलों की सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति अमर सरन व न्यायमूर्ति बच्चू लाल की खंडपीठ आपराधिक अपीलों व आपराधिक अवमानना व पोटा अपील की सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति रवींद्र सिंह व न्यायमूर्ति अनिल कुमार अग्रवाल की खंडपीठ वर्ष 2011 की आपराधिक अपीलों सहित बलात्कार अपीलों की सुनवाई करेगी। गिरफ्तारी पर रोक सहित आपराधिक मामलो का न्यायिक क्षेत्राधिकार न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह और मुसफ्फे अहमद को दिया गया है।

इस क्रम में न्यायमूर्ति अरुण टंडन कंपनी जज बनाए गए हैं जो स्टांप एक्ट व आबकारी कर मामले देखेंगे। गंभीर आपराधिक मामलों में जमानत याचिकाओं को अब न्यायमूर्ति एससी अग्रवाल देखेंगे, जबकि सामान्य अपराधों में जमानत आवेदन पत्रों पर न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा सुनवाई करेंगे। आपराधिक प्रार्थनापत्र-482 की सुनवाई न्यायमूर्ति एसके गुप्ता को दी गई है। सरकारी सेवाओं के मामले अब न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल देखेंगे, जबकि शिक्षा मामले न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता की अदालत में जाएंगे।