फर्रुखाबाद: आगामी 25 जून को प्रस्तावित अन्ना का कार्यक्रम फिलहाल टल गया है। यद्यपि मूवमेंट अगेंस्ट करप्शन ने अब अन्ना की सभा के नाम की गयी चंदा वसूली का हिसाब सार्वजनिक किये जाने व चंदा देने वालों का पैसा वापस किये जाने की भी मांग की है।
विदित है कि अगामी 25 जून को अन्ना हजारे की जनसभा होनी थी। सभा के आयोजन के पीछे जनतंत्र मोर्चा के नाम पर संतोष भारती की राजनैतिक अपेक्षाओं के विरोध में मूवमेंट अगेंस्ट करप्शन की ओर से विरोध के स्वर सार्वजनिक किये गये थे, व कार्यक्रम के नाम पर चंदा उगाही के आरोप में लक्ष्मण सिंह के निष्कासन की घोषणा की गयी थी। उधर सर्वोदय मंडल नेता लक्षमण सिंह की ओर से अन्ना की सभा के लिए बीते दिन हुई बैठक में प्रचार प्रसार में जुट जाने के लिए कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियां भी सौंप दी गयी थीं। नगर को पोस्टरों से पाट देने की भी बात कही गयी थी।
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गुरुवार को अन्ना की सभा के स्थगन की सूचना के साथ ही मूवमेंट अगेंस्ट करप्शन की ओर से अन्ना की सभा के नाम पर वसूली गयी चंदे की धनराशि का व्योरा सार्वजिनक किये जाने व वसूले गये चंदे की वापसी सुनिश्चित किये जाने की भी मांग की गयी है। मूवमेंट अगेंस्ट करप्शन के जिला संयोजक मेहराज हुसैन ने कहा कि अन्ना की सभा स्थगित हो गयी है। मूवमेंट की संयुक्त बैठक में तय किया गया कि जिन लोगों ने अन्ना के नाम पर धन संग्रह किया है उनसे अनुरोध है कि वह समाचार पत्रों के माध्यम से प्रकाशित करा कर उनका लोगों का धन वापस करें। इसके साथ ही एकत्रित धन को सार्वजनिक किया जाये। इस दौरान राघवेंद्र मोहन मिश्रा, हरीशरण कटियार, चंदन मिश्रा, सुरजीत कटियार, आफाक हुसैन, सलीम खान, मून भाई, अम्बर गंगवार, अभिषेक कटियार, अतुल शंकर दुबे, राघवेन्द्र मोहन मिश्रा एडवोकेट, शहवाज अन्सारी, विक्रांत सिन्हां, जनार्दन गंगवार आदि मौजूद रहे।
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लक्षमण सिंह एडवोकेट ने भी अन्ना की सभा टल जाने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि अन्ना हजारे की आंख में इनफेक्शन के कारण उनको लगभग दो सप्ताह के आराम की सलाह दी गयी है। फर्रुखाबाद ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश का दौरा स्थगित हो गया है। अग्रिम कार्यक्रम भी अभी तय नहीं है।
लक्ष्मण सिंह एडवोकेट ने बताया कि आर्थिक सहयोग देने वाले महानुभावों के आदेश पर उनके द्वारा दी गयी धनराशि वापस कर दी जायेगी। उन्होंने बताया कि नगर विधायक विजय सिंह, विधान परिषद सदस्य मनोज अग्रवाल एवं डा0 हरिदत्त द्विवेदी ने फिलहाल सहयोग राशि वापस लेने से इंकार कर दिया है। समस्त धनराशि विद्यानंद आर्य कोषाध्यक्ष के पास सुरक्षित है।