रात भर में गंगा एक फुट और उफनाई, नरौरा से छूटा 6 लाख क्यूसेक पानी

Uncategorized

फर्रुखाबाद: बीते दो दिन से गंगा नदी ने जनपद के तटवर्ती इलाकों में तबाही मचा दी है। ग्रामीणों की फसलों के अलावा अब घरों में पानी घुसना जारी है। जिससे हाहाकार और बचाओ-बचाओ की स्थिति है। जनपद की अमृतपुर व कायमगंज तहसील के अधिकांश गांव गंगा से प्रभावित माने जा रहे हैं जबकि प्रशासन की तरफ से अभी तक दोनो तहसीलों में कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किये गये। बाढ़ राहत के लिए जो स्टीमर खड़े भी किये गये हैं वह भी खराब हैं।

GANGA FLOOD[bannergarden id=”8″]

बीते दिन गंगा का जल स्तर 36.10 सेमी पर पहुंच गया था। लेकिन रात में गंगा का जल स्तर बढ़ना लगातार जारी रहा और सुबह गंगा का जल स्तर लगभग 30 सेमी बढ़कर 136.40 मीटर पर पहुंच गया है। जोकि खतरे के निशान से मात्र 70 सेमी की दूरी पर ही रह गया है। यदि 70 सेमी पानी और बढ़ गया तो क्षेत्र के लगभग डेढ़ सौ ग्राम और प्रभावित हो जायेंगे।

अमृतपुर क्षेत्र के लगभग एक दर्जन ग्रामों में पानी घुस चुका है, शमसाबाद क्षेत्र के तीन ग्राम बाढ़ की जद में समा चुके हैं। वहीं कायमगंज व कंपिल क्षेत्र के भी दर्जनों ग्रामों में पानी भर चुका है। गंगा नदी में गुरुवार को नरौरा बांध से 5 लाख 86 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति अगले दो दिन में और भी भयाभय हो सकती है।

वहीं क्षेत्रीय लोगों का मानना है कि अभी गंगा का पानी पसार में फैल रहा है। जब निचले इलाकों में पानी भर चुकेगा उसके बाद गंगा का जल स्तर और भी ज्यादा बढ़ जायेगा।

[bannergarden id=”11″]
खराब स्टीमरों से कैसे होगी बाढ़ पीड़ितों की सहायता
प्रशासन द्वारा गंगा की बाढ़ पीड़ितों के लिए जोर शोर से तैयारियों का बिगुल फूंका जा रहा है। कागजों में बाढ़ चौकियां बना दी गयीं। उन पर कर्मचारी भी तैनात कर दिये गये। स्टीमरों को चिन्हिंत कर लिया गया। लेकिन प्रशासन द्वारा जिन स्टीमरों को चिन्हित किया गया है उनके मोटर पहले से ही खराब हैं। जो चलने की स्थिति में नहीं हैं। इसके साथ ही प्रशासन द्वारा तैनात किये गये बाढ़ चौकियों पर कर्मचारी नदारद हैं। जिनका कोई अता पता नहीं है। हकीकत में किसी भी बाढ़ पीड़ित के लिए कोई भी सहुलियत नहीं की गयी है। लोग अपना सामान खुद ही सवारियों में भरकर जैसे तैसे सुरक्षित स्थानों व रिश्तेदारियों में ले जा रहे हैं।