गुंडई पर उतरा नगर का सबसे विवादित लेखपाल, अधिकारी को दी जान से मारने की धमकी

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फर्रूखाबाद: दबंगई और घूसखोरी के अनेको आरोपों के लिए चर्चित लेखपाल प्रवेश तोमर ने पत्नी की डयूटी कटवाने को लेकर नगर शिक्षाधिकारी प्रवीन शुक्ला को गालीगलौच कर जान से मारने तक की धमकी दी है। देर रात लेखपाल ने प्रवीण शुक्ल के घर पर जाकर गुंडागर्दी की और धमकाया| मौके पर पहुची पुलिस ने मामला रफा दफा करा दिया| आज सुबह जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सहित बेसिक शिक्षा विभाग के कर्मियों ने उप जिलाधिकारी के आवास पर लेखपाल के विरुद्ध कार्यवाही के लिए डेरा डाल दिया| प्रवीण शुक्ल ने बताया कि उपजिलाधिकारी के यहाँ हुई पंचायत में लेखपाल द्वारा लिखित माफ़ी मांगे जाने के बाद समझौता हो गया है|

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शिक्षक पत्नी की राशन कार्ड ड्यूटी से नाम कटवाना चाहता था लेखपाल-
ज्ञात हो कि प्रवेश तोमर की पत्नी प्रीती सिंह नगर के घोड़ा नखास स्थित कन्या प्राइमरी पाठशाला में कार्यरत हैं। उनकी राशन कार्ड बनवाने में डयूटी लगी है। लेखपाल प्रवेश तोमर ने पत्नी की डयूटी कटवाने के लिए मोबाइल फोन से प्रवीन शुक्ला को धमकाया। डयूटी काटने से मना करने पर गालीगलौच करते हुये जान से मारने तक की धमकी दी। उसके बाद प्रवेश तोमर रात 10.30 बजे जयनरायन वर्मा रोड स्थित श्री शुक्ला के आवास पर जाकर उनको धमकाया और पथराव भी किया। उधर जिलाधिकारी ने भी राशन कार्ड सर्वे तीन दिन में निपटाने का अल्टीमेटम मीटिंग के दौरान दिया था| इसी के बाद नगर शिक्षा अधिकारी सक्रिय हो गए थे|
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शिकायत मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुची पर पुलिस ने बिना रिपोर्ट दर्ज कराये लेखपाल होने के कारण प्रवेश तोमर को गिरफ्तार करने से मनाकर दिया। बेसिक शिक्षाधिकारी भगवत पटेल के नेतृत्व में श्री शुक्ला आदि शिक्षा विभाग के अधिकारी सुबह जिलाधिकारी के आवास पर गये और बाद में लेखपाल के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग को लेकर उपजिलाधिकारी सदर आर के पटेल के आवास पर डट गये। श्री शुक्ला ने मोबाइल फोन पर बताया कि लेखपाल प्रवेश तोमर ने गालीगलौच कर मार डालने तक की धमकी दी। रात में 2-3 साथियों के साथ आवास पर पथराव भी किया। धमकी देने की रिकार्डिंग मौजूद है।

नियम विरुद्ध तैनात लेखपाल के विरुद्ध आय निवास और जाति प्रमाण पत्रों में रिपोर्ट लगवाने के नाम पर हाई रेट की रिश्वत वसूलने के दर्जनों मामले लंबित है-
शहर में नियम विरुद्ध तैनात लेखपाल प्रवेश तोमर के विरुद्ध जिला प्रशासन को सबसे अधिक भ्रष्टाचार की शिकायते भी जनता द्वारा की गयी मगर ऊपर तक खिलाने और राजनैतिक सह के बल पर आज तक उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई| उलटे सारी शिकायते ठन्डे बसते में पड़ी है| सूत्रों के अनुसार लेखपाल को मंत्री सहित कई अधिकारिओ का बरदहस्त प्राप्त है| इसी कारन सबको खुश रखने वाला लेखपाल न केवल को जनता को लूटता रहा बल्कि अब तो शिक्षा अधिकारी को जान की धमकी देकर गुंडई पर उतर आया है| आरोप है कि इस लेखपाल जरूरतमंद को उसकी जरुरत के हिसाब से आय प्रमाण पत्र पाने के लिए अब तक का सबसे महगा 1000/- रुपये घूस का रेट खोला हुआ है| घूस न मिलने पर अंत शंट रिपोर्ट लगाना और रिपोर्ट लगाने में देरी करना आम बात है|

डाक बंगले में वीआईपी सेवा के बदले मिलती है कुछ भी करने की छूट-
ये जनता का दुर्भाग्य कहें या सरकार की नाकामी कि नगर में जो लेखपाल डाक बंगले में वीआईपी की खूब आव भगत कर लेता है उसे कुछ भी करने की छूट मिल जाती है| ये वीआईपी सेवा आमतौर पर लेखपाल को अपनी जेब से करनी पड़ती है| सरकारी खर्चे की अपनी सीमा के चलते राजस्व विभाग के अधिकारिओ और कर्मियों को की वीआईपी सेवा में अपनी जेब से खर्च करना ही पड़ता है| इन वीआईपी सेवा का उपयोग अधिकारी से लेकर मंत्री तक करते है| उनके डाक बंगले में प्रवास के दौरान खाना, नाश्ता और आराम तलबी की सभी सेवाए उपलब्ध कराना इनकी मजबूरी होती है| जैसे पूर्व पशुपालन मंत्री अवधपाल सिंह यादव की आवभगत में पनीर की पकोड़ी बहुत प्रसिद्द हुई थी| पनीर का इंतजाम पराग दुघ देरी से मुफ्त में आता था| और इस प्रकार राजस्व कर्मी उस खर्च की भरपाई के लिए जनता की गर्दन पर रिश्वत की छुरी चलाते है जिसकी शिकायत आमतौर पर जिलाधिकारी तक होने के बाबजूद इन पर कोई कार्यवाही नहीं होती| वैसे तो इसे अन्य भ्रष्टाचार की तरह परम्परा मान लिया गया है मगर क्या इसके लिए डाक बंगले में सुविधा भोगने वाले अधिकारी और नेता जिम्मेदार नहीं है? ये सवाल बड़ा है| डाक बंगले में मौजूदगी के चलते ही पुलिस वालो से भी सम्बन्ध के चलते लेखपाल पर कार्यवाही नहीं हुई जबकि ये अपराधिक घटना है कोई विभागीय लापरवाही नहीं|

लेखपाल प्रवेश तोमर ने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है| नगर शिक्षा अधिकारी प्रवीण शुक्ल ने जेएनआई को फोन पर बताया कि उपजिलाधिकारी के यहाँ हुई पंचायत में लेखपाल प्रवेश तोमर द्वारा माफ़ी मांग लिए जाने के बाद समझौता हो गया है|

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