FARRUKHABAD : कहते हैं कुदरत का खेल कोई नहीं जानता, कुदरत कब किस वक्त क्या गुल खिला दे इसका किसी को पता नहीं चल सका। यदि बात करें कुदरत के करिश्मे के तो आये दिन कोई न कोई नई बात ग्रामीण व शहरी अंचलों में सुनने को आती ही रहती है। ऐसा ही करिश्मा फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र के ग्राम गढ़ाखेड़ा में हुआ। जहां पर एक नव विवाहिता ने दो सिर वाली बच्ची को जन्म दिया तो गांव व आस पड़ोस के गांवों के लोगों की दो सिर वाली बच्ची को देखने के लिए भीड़ लगने लगी।
गढ़ीखेड़ा निवासी बृजकिशोर राजपूत की शादी एक वर्ष पूर्व हरदोई के पाली से हुई थी। शादी के बाद दोनो पति पत्नी खुशहाल जिंदगी बिता रहे थे। एक वर्ष हुआ ही था कि बृजकिशोर की नवविवाहिता पत्नी दन्नी ने एक पुत्री को घर पर ही जन्म दिया। बच्ची के दो सिर, मुहं, नाक, कान, आंख इत्यादि सब कुछ डबल देखकर लोग कुदरत के इस खेल पर भौचक्के रह गये। आस पास के लोगों को सूचना लगी तो यह बात जंगल की आग की तरह फैल गयी।
पास पड़ोस के गांवों से भी लोग दो सिर वाली इस बच्ची को देखने के लिए बृजकिशोर के घर पर दस्तक दे रहे हैं। खबर लिखे जाने तक नवविवाहिता दन्नी व उसकी दो सिर वाली बच्ची दोनो जिंदा थे व किसी को कोई दिक्कत मालूम नहीं हो रही थी। वहीं बच्ची के दूसरे सिर में मुहं बना तो है लेकिन दूसरा मुहं खुला नहीं है।
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