“मैं तुमसे बेपनाह मुहब्बत करती थी, बदले में मुझे क्या मिला…तुमसे प्यार करने का सिला मुझे गालियां, प्रताड़ना, रेप और बेरुखी के रूप में मिली..बावजूद इसके मैं सब सहती रही, तुमसे प्यार जो किया था….पर बदले में तुमने क्या दिया…बेवफाई, बेरुखी और रुस्वाई…जहां तुम्हारी दुनिया पार्टी और हसीन लड़कियों की आगोश तक सीमित थी, वहीं मुझे मेरे काम से लगाव था। मेरी जिंदगी में तो केवल तुम ही थे और मेरा करियर…मगर अब मैं ऐसे घुट-घुटकर और नहीं जी सकती…मैं अपने 10 साल के करियर को अलविदा कहते हुए इस दुनिया से दूर जा रही हूं। जब तुमं इसे पढ़ोगे, तब तक शायद मैं बहुत दूर जा चुकी हूंगी….। “
कुछ यही अल्फाज रहे जिया खान के उस आखिरी नोट के, जिसमें उसने अपनी मौत की वजह बताई है। मुंबई में जिया खान की मां राबिया खान ने 6 पन्ने के इस नोट पर नौ जून को अपने दस्तखत कर उसे पुलिस के हवाले कर दिया। साथ ही, उसमें लिखी बातों को जगजाहिर भी किया। पुलिस ने चिट्ठी की जांच की और पहले सूरज को हिरासत में लिया, फिर पूछताछ के बाद उसे जिया को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।
जिया की मां ने अपनी बेटी के ऊपर गुजरे प्रताड़ना के दौर पर बात करते हुए मीडिया के सामने साफ कर दिया कि उनकी लड़की ने किसी तरह की हताशा या फिर किसी आवेश में आकर मौत को गले नहीं लगाया, बल्कि वह वीभत्स मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना के दौर से गुजर रही थी। इसने उसे पूरी तरह तोड़कर रख दिया था। इस सबके बावजूद वो किसी तरह इसका सामना कर रही थी, मगर सूरज की बेरुखी ने उसे आखिरकार आत्महत्या करने को मजबूर कर दिया। इस सबके लिए उन्होंने सूरज पंचोली को जिम्मेदार ठहराया। मुंबई पुलिस ने आज जिया खान के घर जाकर उसकी मां और बहन से करीब डेढ़ घंटे तक पूछताछ की। पुलिस यह जांच कर रही है कि चिट्ठी में लिखावट जिया की ही है या नहीं। यदि यह साबित हो जाता है कि लिखावट जिया की है तो इसे खुदकुशी का मामला माना जाएगा। हालांकि इस खत में किसी शख्स का नाम नहीं लिया गया है।
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आगे की स्लाइड्स में पढ़िए सारे वाकये के बारे में। साथ ही पढ़िए आखिर क्या लिखा था जिया ने सुसाइड नोट में? क्या थी जिया की वो दुखती रग, जिस पर एक चोट से वह कुछ इस कदर मजबूर हो गई कि उसने मौत को गले लगा लिया।
राबिया ने सीधे आरोप लगाया है कि जिया की जान आदित्य पंचोली के लड़के सूरज के बर्ताव के वजह से गई। सूरज ने जिया को आत्महत्या के लिए उकसाया। पुलिस मामले की तफ्तीश फिलहाल जारी रखे हुए है। इस पूरे मामले में जिया के लेटर की विश्वसनीयता पर भी उंगली उठ रही है, क्योंकि अभी फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की रिपोर्ट आना बाकी है। पुलिस फिलहाल इस कशमकश के दौर से गुजर रही है कि आखिर सूरज इस केस में किस कदर लिप्त है।
आखिर क्या लिखा था जिया के खत में…
जिया खान ने सुसाइड नोट की शुरुआत में लिखा है कि जब ये खत तुम्हारे हाथ लगेगा, तब तक मैं तुमसे बहुत दूर जा चुकी होउंगी।
अब मेरे पास खोने को कुछ नहीं बचा है। तु्म्हें शायद इस बात का बता न हो, मगर तुम मेरे लिए काफी अहमियत रखते थे। इस हद तक कि मैं खुद उसे बयां नहीं कर सकती। मैं तुम में इतना खो गई कि पता ही नहीं चला और तुम मुझे टॉर्चर करते रहे।
मुझे अब आशा की कोई किरण नहीं दिखाई देती। हर दिन उठती हूं तो बस एक ही ख्याल के साथ कि काश आज न उठूं। चिर निद्रा में सो जाऊं, जिसका कोई अंत न हो। मैं हमेशा ही अपना भविष्य तुमहारे साथ देखा करती थी। मेरे सारे अरमान तुमसे ही जुड़े हुए थे, मगर तुमसे अब कोई आस नहीं दिखती। अंदर से अब मैं मरा हुआ महसूस करती हूं। न कोई हसरत, न अरमान, सब धराशाई हो गए।
इसका कोई मतलब नहीं कि मैंने तुम्हें कितने तोहफे दिए, मगर बदले में मैं प्रेग्नेंट होने से बची। मैंने अपना सब कुछ तुम्हें सौंप दिया था।
तुम मुझे तिल-तिल कर रोज मारते चले गए और मैं मरती चली गई। पहली मुलाकात में ही मैं तुम्हारे प्यार में इस कदर खो गई कि शायद वो मेरे अंदर से अभिव्यक्ति की सर्वश्रेष्ठ चीज थी। मगर तुम्हें इसकी परवाह ही कहां थी।
किस्मत हमें पास लाई थी और शायद किस्मत को भी यही मंजूर था। इतने रेप, अभद्र व्यवहार और टॉर्चर किया तुमने मेरे साथ, जिसकी मैं हकदार नहीं थी।
इस बात ने मुझे और ज्यादा खौफजदा कर दिया। जहां तुम्हारी दुनिया पार्टियों और हसीन लड़कियों के आगोश तक सीमित थी, वहीं मुझे मेरे काम से लगाव था।
अब अगर में और रुकी तो बावजूद इसके मैं तुमसे और ज्यादा प्यार ही करूंगी और मिस करूंगी। मैंने तुम्हें कभी बताया नहीं, मगर तुम्हारी बेवफाई मेरे सामने जाहिर हो चुकी थी।
मुझे मैसेज के जरिए तुम्हारी बेवफाई का पैगाम देकर किसी ने आगाह किया था, मगर मैंने उसे नजरअंदाज किया।
मैं कम से कम उन बेगैरत लोगों में से तो नहीं थी, जिन्हें अपने मां-बाप की इज्जत का ख्याल न हो। मेरे पास जो थोड़े से पैसे थे, उन्हें भी मैं तुम पर बेइंतहा लुटाती रही। बदले में तुमने तो प्यार का एक मीठा बोल भी न दिया।
मेरे प्यार तो तुमने अपने पैर की ठोकर से मेरे मुंह पर दे मारा।
गोवा ट्रिप मेरा बर्थडे ट्रिप था। तुम्हारी सारी नाफरमानियों के बावजूद मैंने इस ट्रिप पर तुम्हारा साथ चाहा। प्यार की निशानी अपने बच्चे को भी गिरवा दिया। अबॉर्शन करवा लिया। मगर इसने मुझे छलनी करके रख दिया। अंदर से पूरी तरह टूट चुकी थी मैं…
तुम्हारे जन्मदिन को मैंने खास बनाने के लाख जतन किये, बदले में तुमने मुझसे मुंह फेर लिया। तुमने तो मुझसे सगाई का वादा किया था, पर फिर पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया।
मैं तुमपर मरती रही और तुम मुझ पर हंसते रहे। मैं तो केवल तुमसे साथ और प्यार चाहती थी, पर तुमने तो कहीं का न छोड़ा। इस खुशी को भी छीन लिया तुमने मुझसे…।
इतना कुछ होने के बाद अब जिंदगी में आखिर मेरे लिए बचा ही क्या है। मैं थक चुकी हूं। अब सोना चाहती हूं। एक ऐसी चैन की नींद जो कभी न टूट सके। मेरी बहन तक से तुम कभी नहीं मिले।
मैंने अपने सारे ख्वाब तुम्हीं से संजो रखे थे, मगर तुमने उन्हें तोड़ दिया। अब कुछ नहीं बचा…सिवाय एक हसरत के, काश…तुम भी मुझे उतना ही प्यार कर पाते जितना मैं तुमसे कर बैठी थी। यूं तो मेरे पास सबकुछ था…पर जब तुम ही नहीं तो फिर जीने का क्या मतलब…अब मुझे सोना है…एक ऐसी नींद में जो कभी न टूटे…।