30 लाख लोगों को मिलेगा सीधा रोजगार

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JOBS Soochna by JNIसात राज्यों को एक सूत्र में बांधने वाले अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर को मंजूरी मिलते ही 30 लाख लोगों को सीधे रोजगार मिलने का रास्ता साफ हो गया है। चुनावी आहट शुरू होने के साथ ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) की तर्ज पर अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दे दी है।

इसके लिए औद्योगिक नीति एवं प्रोत्साहन विभाग के नेतृत्व में छह सदस्यीय अंतर मंत्रालयी समूह का गठन किया गया है। समूह एक महीने के अंदर इस योजना से संबंधित व्यवहार्यता के साथ ढांचागत और वित्तीय जरूरतों की जांच कर अपनी रिपोर्ट देगा।

उत्तर भारत के 20 प्रमुख शहरों और देश की 40 फीसदी आबादी को सीधे प्रभावित करने वाले इस गलियारे को यूपीए सरकार के चुनावी गलियारे के रूप में भी देखा जा रहा है। एक अनुमान के मुताबिक इस गलियारे के निर्माण के बाद 30 लाख लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा।
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उल्लेखनीय है कि जापान ने डीएमआईसी की तरह इस योजना में भी निवेश करने का वादा किया है। इस गलियारे के निर्माण से देश में जहां तीव्र औद्योगिक विकास होगा, वहीं नए शहरों और नए औद्योगिक क्षेत्रों का भी निर्माण होगा।

सरकार को उम्मीद है कि इस कारण संभावित विश्वस्तरीय आधारभूत संरचना के जरिये योजना के लिए व्यापक निवेश होगा। प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक यह गलियारा पूर्वी समर्पित माल गलियारे को प्रधान सहारे के रूप में इस्तेमाल करेगा।

पूर्वी समर्पित माल गलियारा पंजाब के लुधियाना से लेकर पश्चिम बंगाल के कोलकाता तक फैला है। इस गलियारे को हल्दिया से इलाहाबाद तक राष्ट्रीय जलमार्ग के तहत बन रहे अंतर भूमि जलमार्ग से भी लाभ मिलेगा। इस समय डीएमआईसी पश्चिम समर्पित माल गलियारे को मुख्य सहारे के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
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इस योजना को आनन फानन में दी गई मंजूरी से साफ हो गया है कि यूपीए सरकार इसके सहारे बड़ा चुनावी दांव लगाने की तैयारी में है। उसकी रणनीति चुनाव से पहले ही इस औद्योगिक गलियारे के लिए काम शुरू कर देश की 40 फीसदी आबादी को लुभाने की है।

दरअसल यह गलियारा उन राज्यों मसलन पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से गुजरेगा जहां कांग्रेस अपनी स्थिति बेहतर करने में जुटी है। वैसे प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि दुनिया के सबसे सघन आबादी वाले इन क्षेत्रों में रोजगार और औद्योगिकीकरण की व्यापक जरूरत है।

इन राज्यों से गुजरेगा गलियारा
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल

इन शहरों से गुजरेगा गलियारा
अमृतसर, जालंधर, अंबाला, सहारनपुर, दिल्ली, रुड़की, मुरादाबाद, बरेली, अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना, हजारीबाग, धनबाद, आसनसोल, दुर्गापुर और कोलकाता