लखनऊ/फर्रुखाबाद: प्रदेश सरकार यू पी के पत्रकारों को उपकृत करने के लिए इन दिनों सैमसंग टेबलेट बाट रही है| जिलों से भी ये सूचिया ख़ुफ़िया विभाग से बनबाई गयी है| खबर है कि कुछ पत्रकारों को बैठकर ये सूचिया तैयार कर लखनऊ भेज दी गयी है| लखनऊ में कुछ पत्रकारों को सैमसंग के टेबलेट और गिफ्ट पैक उनके घर पर भिजवाया गया तो कई पत्रकारों ने ये गिफ्ट सूचना विभाग को लौटा दिया है| प्रदेश में सूचना विभाग का मंत्रालय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास है| उन्ही की तरफ से बड़े अधिकारी पत्रकारों के घर घर जाकर ये तोहफा भेट कर रहे है| सोशल मीडिया पर इस प्रकार की योजना की अलग अलग प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गयी है|
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पेश है सोशल मीडिया और अंग्रेजी अखबारों में उप में पत्रकारों को मिलने वाले मुफ्त माल पर डाली गयी पोस्ट और खबरे-
Kumar Sauvir : सूचना विभाग का अंधा अफसर बांटे रेवड़ी, अपने-अपने लोगों को दे, और दूध फड़वाये पत्रकार-बिरादरी का। खबर है कि अपने-अपने मुंहलगे पत्रकारों को लैपटॉप बांट रहे हैं यूपी सरकार के बड़े अफसर। जी हां, उप्र के सूचना विभाग के अफसरों ने अपने-अपने लोगों को उपकृत करने का चुपचाप रेवडि़यों बांटने का तरीका खोज लिया है।
मकसद है, अपने-अपने पाले गये पत्रकारों को मलाई का दोना-भर मलाई चटवा दिया जाए। पैसा है सरकारी खजाने का, और मौज ले रहे हैं सूचना विभाग के चंद अफसर और चंद पत्रकार। खबर है कि सूचना विभाग के अफसरों ने प्रदेश के मान्यता-प्राप्त पत्रकारों में दो-फाड़ करने की कवायद छेड़ दी है।
ताजा मामला है लैपटॅप-टैबलेट बांटने का। दरअसल, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के छात्रों को लैपटॉप-टैबलेट बांटने की योजना बनायी थी, इसके तहत प्रदेश भर के प्रमुख जिलों में जाकर अखिलेश बाकायदा जलसा के तौर पर छात्रों को लैपटॉप-टैबलेट बांटने निकले हैं। ताकि छात्रों को शिक्षा के इस नये तरीके से अवगत करते हुए इन छात्रों के हाथों में नयी टेक्नॉलॉजी सौंपी जा सके। इसी बहाने अखिलेश का जन-सम्पर्क अभियान भी जोरों से चल रहा है।
लेकिन इसी बीच प्रदेश सरकार के सूचना विभाग ने भी पत्रकारों को भी उपकृत करने का मूड बना लिया और सरकारी खजाने से एक बड़ी रकम बेहतरीन किस्म के लैपटॉप-टैबलेट पत्रकारों में बांटने का अभियान छेड़ा। लेकिन खबर है कि इसमें अफसरों ने एक नया खेल शुरू कर दिया है। बताते हैं कि इन अफसरों ने अपने चंद मुंहलगे पत्रकारों को विश्वास में ले लिया और अपने पाले वाले पत्रकारों को चुपचाप यह लैपटॉप-टैबलेट बांटने का गुपचुप अभियान शुरू कर दिया। तरीका यह रहा कि पहले ऐसे पत्रकार को फोन बुलाकर उसके घर अफसर जाएगा और उसे मुख्यमंत्री, कुम्भ वगैरह परचों से भरा एक आकर्षक डब्बा थमाते हुए साथ में यह लैपटॉप-टैबलेट का बैग भी थमा दिया जाएगा।
लेकिन झन्नाटेदार खबर तो यह है कि कई पत्रकारों ने ऐसे प्रस्ताव को बहुत रूखाई से ठुकरा दिया है। उनका साफ जवाब रहा था कि प्रदेश के मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों के साथ यह अफसर बंटवारा की नीति अपना रहे हैं, जोकि इस पत्रकार बिरादरी के लिए बेहद घातक साबित होगी। सूचना विभाग को अगर ऐसी सुविधा देनी ही है, तो उसे बिना किसी भेदभाव के मुहैया कराना चाहिए। दरअसल, यह अफसरों की नायाब योजना कोई पुरानी नहीं है। मायावती सरकार के दौरान भी ऐसे ही कुछ अफसरों ने पत्रकारों के बीच तरीका तजबीज किया था। बहरहाल, अब पत्रकारों में नाराजगी इस बात पर है कि किन पत्रकारों के इशारे पर सूचना विभाग के अफसर यह विभेदीकरण वाली नीति अपना रहे हैं। और यह अक्लमंदी किस-किस अफसरों के भेजे में घुसेड़ी गयी है और क्यों।
वरिष्ठ पत्रकार कुमार सौवीर के एफबी वॉल से साभार.
SP govt quietly drops Samsung tab at doorstep of scribes
(इंडियन एक्सप्रेस)
The UP govenment has another freebie — this time for journalists. It is going about quietly distributing Samsung tablets to select journalists, without citing the purpose of the gift, or the criteria for the selection for beneficiaries.
The journalists have been offered the Samsung tablet, along with books on Kumbh Mela, a book, Lohia ke Lenin, written by PWD Minister Shivpal Singh Yadav on his elder brother and SP president Mulayam Singh Yadav, and a set of two pens. The package is being personally delivered by senior officials of the UP Information Department at the doorstep of the journalists.
Incidentally, Chief Minister Akhilesh Yadav is the Information Minister. Officials of the Information Department refused to talk about the matter, saying it was a sensitive issue. However, many journalists have chosen to return the gift.
A journalist, who was offered a tablet three days ago, said: “You suddenly get this call from a deputy director in the Information Department, who says he is standing outside your residence, and has to communicate something from the Chief Minister. When you meet him, he offers you a bag carrying books along with the tablet.”
He said the Samsung Tab 2 he was offered had a price tag of Rs 16,820. Hemant Tiwari, president of the UP Accredited Correspondents’ Committee, said, “We neither demanded it nor are in favour of any such freebie. The very procedure being followed by the state government raises doubts, as they are doing it selectively without any clear-cut policy or prior announcement. It sets a wrong precedent at all levels.”
Siddharth Kalhans, general secretary of the committee, said that other state governments have announced schemes for journalists but they have done it openly and not in a clandestine manner.
“They have not clarified the policy, reasons, or even justification for such distribution. No one knows how many people have been selected, how have they been selected. It is only after the arrival of a senior official of the UP government at their doors that people realise what they are being offered. We have decided to oppose such dole,” said kalhans.
Pranshu Mishra, a journalist from the electronic media who was also offered the tablet, said, “I returned it because it is against our policy. Moreover, when asked under what policy the tablet was being offered, the government official had no answer. If they want to help journalists, they can come out with a policy. Those who need it would avail it and those who do not want would not avail it, but distributing freebies in this manner is not acceptable.”
Shalabh Mani Tripathi, another journalist, said, “I was on tour when this packet from the Information Department landed at my residence. No one knew what was inside it. When I returned and opened it, I saw that along with the books there was a tablet inside as well. Since there was an Information Department logo on the packet, I called up the senior officials who told me that it was a small gift from the government. I have since returned it.” (IE)