नया फैसला: गड़बड़ी पर ठेकेदार से लेकर चेयरमेन तक बराबर फसेंगे

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लखनऊ : सूबे में नगर विकास मंत्री मुहम्मद आजम खां ही आदर्श नगर योजना के तहत किसी भी निकाय को विकास कार्य कराने के लिए धन दे सकेंगे। योजना के तहत निकाय व कार्य को चयनित करने के लिए बनी समिति को समाप्त कर दिया गया है।
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एक लाख से कम आबादी वाले ऐसे नगरीय निकाय जहां जवाहर लाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूवल मिशन (जेएनएनयूआरएम) तथा अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट स्कीम फार स्माल एण्ड मीडियम टाउन्स (यूआईडीएसएसएमटी) के तहत विकास के कार्य नहीं कराए जा रहे हैं वहां आदर्श नगर योजना से विकास के तमाम कार्य कराए जा सकते हैं। पांच वर्ष पुरानी योजना के तहत निकाय व कार्य के चयन के लिए अभी तक नगर विकास मंत्री की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय समिति थी। योजना के प्रभावी व सुचारू क्रियान्वयन के नाम पर जारी दिशा-निर्देश को मौजूदा सरकार ने संशोधित कर दिया है। मंत्री आजम खां ने बताया संशोधन से व्यावहारिक कठिनाइयां दूर की गई हैं।
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उन्होंने बताया कि योजना के तहत निकायों से अब दस फीसद निकाय अंश न लेकर राज्य सरकार पूरी धनराशि देगी। मंत्री ने बताया कि संशोधित दिशा-निर्देश के अनुसार योजना के निर्माण कार्य में गुणवत्ता की कमी पाए जाने पर ठेकेदार से लेकर सभी संबंधित अधिकारी-निकाय अध्यक्ष बराबर के उत्तरदायी होंगे।