फर्रुखाबाद: लैपटॉप लेने पहुचे लाभार्थियो की मुश्किलों की शुरआत हुई सुरक्षा व्यवस्था के घेरे से आगे निकल कर| उमस भरी गर्मी, कड़ी सुरक्षा और झोला झंडे की जाँच और मेटल डिटेक्टर के ऊपर नीचे होने के बाद जब लाभार्थी लैपटॉप लेने के लिए अपनी सीट पर पहुचे तब तक 1 लीटर पानी की बोतल खाली हो चुकी थी| हलक सूख रहा था| मगर लैपटॉप मिलने की ख़ुशी में ये गर्मी काफूर हो चली है| मगर इंतजामिया कमेटी के गैर तजुर्बे का एहसास करा गए| 5000 लाभार्थियो की भीड़ के साथ लगभग 2000 सहायता कर्मी के शरीर और सांसो की निकलती गर्मी का तापमान नहीं जोड़ पाए वो लोग जो इसी जनता की सेवा के लिए नौकरी करने आये है और बड़े से एसी दफ्तर में बैठते है और सरकारी एसी कारो में चलते है| ये आलम तब है जब करोडो का बजट सिर्फ इंतजाम करने के लिए भेज गया है| जरा देखिये ये घुटन भरा मंजर और अंदाजा लगाइए-
70 लाख के टेंट का ठेका लेने वाले ने मंच पर तो एसी टावर लगा दिए थे मगर जिनके लिए ये असल में कार्यक्रम था वहां फर्राटा पंखा या कूलर नहीं लगाये| 20 फुट ऊँचे टेंट में आसमान में लटकते पनको की हवा जब नीचे नहीं आई तो बच्चियो ने मार्कशीट निकाल हवा करना शुरू की| कोई रुमाल से पसीना पोछ रहा था तो कोई कुर्ते से| गर्मी का आलम ये था की मुख्यमंत्री के आने से पहले ही गर्मी के कारण एक बच्ची के बेहोश होने की खबर मिली है|
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