इलाहाबाद : बीटीसी-2010 के सहारे शिक्षक भर्ती में शामिल होने का सपना देख रहे प्रशिक्षुओं के लिए उनका परीक्षा परिणाम सबसे बड़ा रोड़ा बन गया है। प्रशिक्षुओं के जोरदार आंदोलन के बाद भी उनका रिजल्ट अब तक घोषित किया जा सका है। इससे दो हजार से अधिक प्रशिक्षुओं में मायूसी है। हालांकि दबाव बनाने के लिए वे 23 मई से परीक्षा नियंत्रक प्राधिकारी कार्यालय पर भूख हड़ताल शुरू करने की तैयारी में हैं।
गौरतलब है कि बीटीसी-2010 के प्रशिक्षुओं के परिणाम की घोषणा में लगभग छह माह का विलंब पहले ही हो चुका है। यहां तक कि उनकी प्रयोगात्मक परीक्षा भी अदालत के आदेश के बाद ही संपन्न कराई जा सकी। इन प्रशिक्षुओं में अधिकांश ने टीईटी या उसके समकक्ष शिक्षक पात्रता परीक्षा पास कर रखी है। इसलिए उन्हें उम्मीद थी कि इस बार की शिक्षक भर्ती में उनकी संभावनाएं काफी बलवती रहेंगी लेकिन परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। इससे पहले भी बीटीसी के सत्र अनियमित ही रहे हैं और अभ्यर्थियों को हर बार परिणाम के लिए आंदोलन या अदालत का सामना करना पड़ा है।
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अभ्यर्थियों के अनुसार इससे पहले परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने यह तर्क रखा था कि प्रयोगात्मक परीक्षाओं के अंक डायट से नहीं भेजे गए हैं। लेकिन बुधवार तक सभी 53 डायट से अंक भेज दिए गए। उन्होंने सायंकाल तक सचिव नीना श्रीवास्तव से मुलाकात का भी प्रयास किया लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं हुईं। हताश प्रशिक्षुओं ने अब अपनी फरियाद बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी के पास फैक्स से भेजी है। इस बीच उनका धरना भी जारी है। प्रशिक्षुओं के अनुसार 23 मई से परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर भूख हड़ताल भी शुरू कर दी जाएगी।
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