अब सालाना छह लाख रुपये तक कमाने वाले भी क्रीमी लेयर के दायरे में नहीं आएंगे। इन्हें सरकारी नौकरियों में आरक्षण के साथ-साथ सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। सरकारी योजनाओं और नौकरियों का अधिकाधिक लाभ समाज के निचले तबके और अति पिछड़े वर्ग तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने क्रीमी लेयर के मापदंड में संशोधन किया है।
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बृहस्पतिवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में क्रीमी लेयर के मापदंड में संशोधन को मंजूरी दी गई। अभी तक सालाना 4.5 लाख या उससे अधिक आय वाले ओबीसी परिवार क्रीमी लेयर के दायरे में आते थे। क्रीमी लेयर के प्रावधानों में संशोधन का केंद्र का उद्देश्य अति जरूरत मंदों तक सरकारी सहायता पहुंचाना है, लेकिन माना जा रहा है कि वर्ष 2014 में होने वाले चुनावों में पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को लुभाने के लिए सरकार ने यह दांव चला है।
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इसके तहत जिस ओबीसी परिवार की सालाना आय छह लाख या इससे अधिक होगी, उन्हें क्रीमी लेयर में माना जाएगा और उन्हें किसी तरह का फायदा नहीं दिया जाएगा। गौरतलब है कि क्रीमी लेयर के मापदंड में संशोधन को लेकर लंबे समय रस्साकशी चल रही थी। सरकार ने क्रीमी लेयर के दायरे को निर्धारित करने के लिए मंत्रियों का समूह गठित किया था। मंत्रियों के समूह ने ही क्रीमी लेयर का दायरा 4.5 लाख से बढ़ाकर छह लाख या इससे अधिक करने का सुझाव दिया था।