फर्रूखाबाद: पाकिस्तान की जेल में भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की हत्या किये जाने की घोर निन्दा करते हुये उर्दू अकादमी के पूर्व प्रदेश चेयरमैन तथा मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सदस्य मौलाना डा यासीन अली उस्मानी बदायूंनी ने कहा पाकिस्तान की जेल भी अब सुरक्षित नहीं है ऐसे में सरबजीत सिंह की हत्या पर भारत सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कदम उठाने चाहिये।
डा उस्मानी दरगाह हुसैनिया मुजीविया में प्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे। गढी नवाव न्यामत खां नरेश कोल्ड स्टोरेज के निकट जलसा अजमते मुस्तफा अंजुमन गुलामाने गौस में मुख्य अतिथि के रूप मे आये डा उसमानी ने कहा अदालतों में मुस्लिम मामलो के फैसले सरियत के मुताबिक नहीं होते। इसको लेकर मुस्लिम पर्सनल आफ बोर्ड चिन्तित है। उन्होने कहा महिलाओं के साथ दुष्कर्म की होने वाली घटनाओं को केवल कठोर कानून बनाने से नहीं रोका जा सकता बल्कि लोगों का दिमाग बदलने की आवश्कता है। इसके लिये सभी धर्मों व समाजसेवियों को आगे आना पडेगा। डा उस्मानी ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा आज को एजुकेशन महिलाओं का पुरूषो के साथ काम करना साथ साथ सफर करना, तथा इन्टरनेट से समाज में विकृति बढी है। डा उस्मानी का मानना था जिस प्रकार आग और पानी में दूरियां होती हैं। ठीक इसी क्रम में महिलाओं और पुरूषों में कुछ सीमा तक दूरियां होने चाहियें।
आरक्षण देने के सवाल पर उन्होने कहा मुस्लिमों की हालत काफी बत्तर है। मुस्लिमों के उत्थान के लिये केन्द्र सरकार संविधान में संसोधन करके पंसमान्दा मुसलमानों को 15 प्रतिशत आरक्षण देने पर विचार कर सकती है। उन्होने केन्द्र सरकार से मुस्लिमों के हित के लिये सच्चर कमेटी एवं रंगनाथ मिश्र आयोग की सिफारिशों को पूर्ण रूप से लागू करने की मांग की। उन्होने कहा आन्ध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडू आदि राज्यों में मुस्लिमों का आरक्षण बढा है। प्रदेश की सपा सरकार ने भी 15 प्रतिशत आरक्षण मुस्ल्मि समाज को देने का वादा किया है। सपा सरकार अपने हर चुनावी वादों को पूरा करने का प्रयास कर रही है। उन्होने प्रदेश की जेलों में बन्द बेकसूर मुस्लिम युवको की रिहाई के प्रश्न के उत्तर में कहा जिन युवको पर आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने के साक्ष्य है उन्हें कतई रिहा नही करना चाहिये पर जिन युवकों पर दस वर्ष से आतंकवाद का कोई प्रमाण नहीं मिला है। उन्हें प्रदेश सरकार जेलों से रिहा करे। इस अवसर पर दरगाह के सज्जादा नशीन कारी शाह फसीह मुज्जीवी, हाजी दिलदार हुसैन, हाजी मुन्ना वेलकम, आफताव वकील, विलाल मुजीवी, आदि कई लोग मौजूद रहे।