इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद सच्चिदानंद हरि साक्षी महाराज, भतीजे सत्य प्रकाश सहित पद्म सिंह व राम सिंह को राहत देने से इनकार कर दिया है। इन पर डिग्री कालेज की प्राचार्या श्रीमती सुजाता वर्मा की हत्या करने व षड्यंत्र रचने का आरोप है। कोर्ट ने कहा है कि प्राथमिकी से प्रथमदृष्टया अपराध का कारित होना बनता है। कोर्ट ने कहा है कि यदि याचीगण 30 दिन के भीतर सक्षम न्यायालय में जमानत अर्जी देते हैं तो उसे यथाशीघ्र निर्णीत किया जाय।
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यह आदेश न्यायमूर्ति रवीन्द्र सिंह तथा न्यायमूर्ति अनिल कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने साक्षी महाराज व अन्य लोगों की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका में एटा के कोतवाली थाने में दर्ज प्राथमिकी के तहत गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की गयी थी। 15 अप्रैल 2013 को मृतका के भाई अनिल कुमार ने यह प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके अनुसार 15 अप्रैल को मां मदालसा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एटा के गेट के पास पहुंची थी कि साक्षी जी महाराज आश्रम के गेट से विजय स्वरूप, राम सिंह, पद्म सिंह व सत्य प्रकाश हाथ में तमंचा लेकर निकले और गाली देते हुए फायर कर दिया जिसमें श्रीमती वर्मा की मौत हो गयी। साक्षी महाराज पर हत्या का षड्यंत्र रचने का आरोप है।
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