आगरा में ‘ताज’ पहन इतराएंगे फर्रुखाबाद के आलू राजा

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potato1सब्जियों के राजा की ताजपोशी आगरा में होगी। आलू की यहां ऐसी पटकथा लिखी जाएगी, जो यूपी के साथ पूरे देश के आलू किसानों के लिए वरदान साबित होगी। मौसम के मिजाज के अनुसार किसान आलू की खेती कर सकेंगे। 25 जून को होने जा रहे आठवें अखिल भारतीय शीत गृह सम्मेलन में नई वैरायटी के साथ तकनीक भी मिलने जा रही हैं।

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कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में शीत गृह स्वामियों के साथ ही आलू किसानों की समस्याओं पर मंथन होगा। एसोसिएशन के सचिव राजेश गोयल ने बताया कि सामान्य तौर पर आलू के बीज कुफरी बहार और चिप्सोना पसंद किये जाते हैं। लेकिन विदेशों में कई ऐसी वैरायटी हैं, जिनसे प्रति एकड़ 45 कुंतल से अधिक उत्पादन हो सकता है। बीजों की वैरायटी के मामले में हॉलैंड देश अग्रणी है। पहली बार सम्मेलन में हॉलैंड के तीन विशेषज्ञों को बुलाया गया है, जो आलू की नई वैरायटी की जानकारी देंगे।

इसके अलावा आलू के बीज का आयात, यूपी आलू बोर्ड का गठन का प्रस्ताव भी पास किया जाएगा। आयोजन समिति के चेयरमैन भुवेश अग्रवाल ने बताया कि सम्मेलन में आलू अनुसंधान केंद्र शिमला के प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर डॉ. गोविंद कृष्णन और मोदीपुरम, गुजरात के डॉ. देवेंद्र कुमार शामिल होंगे। विशेषज्ञ आगरा सहित अन्य जिलों में मौसम के हिसाब से आलू के बीज के इस्तेमाल की जानकारियां देंगे।

700 शीत गृह स्वामी लेंगे भाग

सम्मेलन में यूपी के फर्रुखाबाद सहित विभिन्न जिलों के अलावा राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल राज्यों से करीब 700 शीत गृह स्वामी भाग लेंगे। इसमें देश भर में आलू उत्पादन की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। साथ ही शीतगृहों में एकमुश्त लाइसेंस प्रक्रिया, 1976 के एक्ट में बदलाव, पुराने कोल्ड स्टोरेज की मरम्मत के लिए सब्सिडी के प्रस्ताव पर मंथन किया जाएगा।