मायावती के बाद मुलायम का ब्राह्मण कार्ड

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Mulayam2आगामी लोकसभा चुनाव में बसपा के दलित-ब्राह्मण गठजोड़ के खिलाफ सपा अब ब्राह्मणों पर बसपा शासनकाल में दर्ज मुकदमें की समीक्षा कर उसे वापस लेने की कार्यवाही करेगी। मुलायम सिंह यादव ने ब्राह्मण सम्मेलन में कहा कि मैंने राज्य के विधि सचिव से कहा है कि अनुसूचित जाति जनजाति के अलावा ब्राह्मणों पर हुए मुकदमों की समीक्षा की जाए।

इसके बाद कानून के अनुसार केस वापस लेने की कार्यवाही भी हो। सपा ने इससे पहले आतंकवाद के नाम पर जेल में बंद मुस्लिम युवाओं पर दर्ज मुकदमें वापस लेने की भी कार्रवाई शुरू की है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी शुरू से ही ब्राह्मणों का सम्मान करती आई है। पार्टी में उन्हें उचित स्थान भी दिया गया है।
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उन्होंने कहा कि ब्राह्मण सपा की रीढ़ हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में ब्राह्मणों ने पार्टी का साथ दिया और सरकार बनाने में मदद की। यादव ने कहा कि ब्राह्मण अपने अधिकार के लिए संधर्ष करें और देश को नई दिशा दें। उन्होंनें कहा कि 2003 से 2007 तक के उनके शासनकाल में संस्कृत को महत्व दिया गया था।
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उन्होंनें पार्टी के नेता जनेश्वर मिश्रा का भी हवाला दिया और कहा कि उनके नाम पर पार्टी ने ईको पार्क बनवाया है जो लोहिया पार्क से भी बड़ा है। बसपा ने लोकसभा चुनावों के लिए घोषित उम्मीदवारों की पहली सूची में 36 में से 19 सीटों पर ब्राह्मण प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। माना जा रहा है कि इसकी काट के तहत ही सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने यह कदम उठाया है।