भाजपा में रार: सपाइयों व बसपाइयों को जिलाकार्यकारिणी में लेने के आरोप

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फर्रुखाबाद: भारतीय जनता पार्टी की इसी सप्‍ताह घोषित नयी जिलाकार्यकारिणी विवादों में आ गयी है। कई पदाधिकारियों पर सपाई-बसपाई होने का आरोप लगाये गये हैं, वहीं कई पदाधिकारियों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्‍त होने के आरोप हैं। शमसाबाद नगर पंचायत अध्‍यक्ष ने तो बाकायदा बैठक कर आरोप लगाये व कार्यकर्ताओं द्वारा सामूहिक इस्‍तीफे की भी धमकी दी गयी है।

shmविदित है कि विगत 22 अप्रैल को भाजपा के नये जिलाध्‍यक्ष दिनेश चंद्र कटियार ने अपनी नयी कार्यकारिणी की घोषण की थी। नयी कार्यकारिणी की घोषणा के समय ही विरोध व असंतोष की सुगबुगाहट शुरू हो गयी थी। परंतु अब तो कार्यकर्ता खुल कर विरोध या विद्रोह पर उतर आये हैं। गुरुवार को शमसाबाद नगर पंचायत अध्‍यक्ष विजय गुप्‍ता की अध्‍यक्षता में पार्टी के पूर्व जिलाध्‍यक्ष डा. बीके गंगवार के पेट्रोलपंप पर हुई कार्यकर्ता बैठक के दौरान सपा और बसपा में सक्रिय रहे लोगों को नयी कार्यकारिणी में सम्‍मिलित किये जाने पर रोष व्‍यक्‍त किया गया। बैठक के दौरान कार्यकारिणी में कई ऐसे सदस्‍यों की ओर भी इशारा किया गया तो पार्टी में रहकर भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्‍त रहे हैं। जिलामंत्री के पद पर नियुक्‍त वीरेंद्र कठेरिया को मूलरूप से बसपाई बताते हुए उनके मनोनयन पर आपत्‍ति जतायी गयी है। इसी प्रकार कायमगंज में व्‍यापार मंडल कंछल गुट के जिला महामंत्री मनोज कौशल को जिलाकार्यकरिणी में उपाध्‍यक्ष बनाये जाने पर रोष व्‍यक्‍त किया गया है। बैठक के दौरान चेतावनी दी गयी कि यदि पूर्व में निर्वाचित मंडल अध्‍यक्षों को यदि बदला गया तो पार्टी कार्यकर्ता सामूहिक त्‍यागपत्र के विकल्‍प पर भी विचार कर सकते हैं, जिसका परिणाम आगामी लोकसभा चुनाव में भी नजर आयेगा।

बैठक के दौरान कर्मठ एवं क्षमतावान कार्यकर्ताओं के स्थान पर एक राक्रांपा से आये एक नेता के समर्थकों को महत्‍पूर्ण पद दिये जाने का विरोध किया गया। जिला कार्यसमिति में समायोजित एक नेता की ओर इशारा करते हुए हुए कहा गया कि वह मूल रूप से नगर विधायक विजय सिंह के आदमी हैं। उनकी एक मात्र उपलब्‍धि केवल आलाकमान के पास शिकायतों का पुलिंदा भेजकर पार्टी में विद्रो भरते रहना भर है। एक अन्‍य नेता जिन्‍हें जिलाउपाध्‍यक्ष बनाया गया है उनके बारे में बताया गया कि उनकी लोकप्रियता का स्‍तर यह है कि उनको जिलापंचायत के चुनाव में कुल 70 वोट मिले थे। जिला महामंत्री बनाये गये जिलाध्‍यक्ष के एक सजातीय पर भाजपा प्रत्‍याशी को हराने के लिये धन बांटने के आरोप लगाये गये। वहीं एक अन्‍य जिला उपाध्‍यक्ष पर विगत चुनाव में सपा प्रत्‍याशी के प्रचार में लगे होने का आरोप लगाया गया।

बैठक के दौरान मांग की गयी कि वरिष्‍ठ नेता आपस में साथ बैठ कर पार्टी के भीतर की गुटबाजी को दूर करें। बैठक का संचालन रमेश चंद्र दुबे ने कया व इसमें आर्थिक पिछ़डावर्ग प्रकोष्‍ठ के पूर्व जिलाध्‍यक्ष जय गंगवार, पंचायत प्रकोष्‍ठ के पूर्व जिलाध्‍यक्ष सुनील रावत, विधानसभा क्षेत्र संयोजक सुभाष वर्मा, मंडल अध्‍यक्ष जगदीश शाक्‍य, रामपाल वर्मा, महेंद्र सिंह राजपूत, सर्वेंद्र गंगवार, सुरेद्र सिंह कठेरिया, प्रमोद राजपूत, अवधेष मिश्रा, विनोद सक्‍सेना, रुबी गंगवार, पुष्‍पेद्र सिंह गंगवार, डा. अजयवीर सिंह आदि ने भाग लिया।

इस संबंध में जिलाध्‍यक्ष दिनेश चंद्र कटियार ने बताया कि यह खुले तौर पर अनुशासनहीनता है। प्रकरण प्रदेश नेतृत्‍व के संज्ञान में लाया जायेगा। मनोज कौशल के विषय में उन्‍होंने कहा कि उनको कायमगंज के वरिष्‍ठ नेता के कहने पर कार्यकारिणी में समायोजित किया गया है।