लखनऊ : प्रदेश में होने वाली प्राथमिक स्तर की अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में अब बीएड डिग्रीधारक नहीं शामिल होंगे। टीईटी के आयोजन को लेकर यहां कल हुई बैठक में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी मार्गदर्शी सिद्धांतों में यह प्रावधान किया गया है।
नये मार्गदर्शी सिद्धांतों में कक्षा एक से पांच के लिए प्राथमिक स्तर पर टीईटी के अभ्यर्थियों की जो शैक्षिक योग्यता तय की गई है, उसमें बीएड डिग्रीधारकों को नहीं शामिल किया गया है। वहीं उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए टीईटी में 50 प्रतिशत अंकों के साथ बीएड उत्तीर्ण करने वालों को भी मौका दिया गया है। गौरतलब है 2011 में प्राथमिक स्तर पर आयोजित गई टीईटी में 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक और बीएड उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को मौका दिया गया था।
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शासन ने प्राथमिक स्तर की टीईटी में बीएड डिग्रीधारकों को शामिल न करने का फैसला राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की निर्धारित समयसीमा पर किया। एनसीटीई ने 23 अगस्त 2010 को जो अधिसूचना जारी की थी उसमें कहा गया था कि पहली जनवरी 2012 तक कक्षा एक से पांच तक में टीईटी उत्तीर्ण वे अभ्यर्थी भी शिक्षक नियुक्त हो सकते हैं जिन्होंने 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक व बीएड की योग्यता हासिल की हो। शर्त के अनुसार अभ्यर्थियों को नियुक्ति के बाद एनसीटीई से मान्यताप्राप्त छह माह का विशेष प्रशिक्षण पूरा करना था। इसी कारण शासन ने 13 नवंबर 2011 को आयोजित प्राथमिक स्तर की टीईटी परीक्षा में बीएड डिग्रीधारकों को मौका दिया था जिसमें 2.92 लाख अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए।
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राज्य सरकार के अनुरोध पर एनसीटीई ने बीएड डिग्रीधारकों को प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षक नियुक्त करने की समयसीमा को 31 मार्च 2014 तक बढ़ा दिया। चूंकि प्राथमिक स्तर पर शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थी बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं जिन्हें शासन के लिए 31 मार्च 2014 तक शिक्षक नियुक्त कर पाना संभव नहीं होगा। लिहाजा शासन ने भविष्य में आयोजित होने वाली प्राथमिक स्तर की टीईटी में बीएड डिग्रीधारकों को शामिल न करने का फैसला किया है।
ये हो सकेंगे परीक्षा में शामिल
नये मार्गदर्शी सिद्धांत के अनुसार प्राथमिक स्तर की टीईटी में 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक करने वाले तथा बीटीसी या एनसीटीई/भारतीय पुनर्वास परिषद से शिक्षा शास्त्र (विशेष शिक्षा) में दो वर्षीय डिप्लोमा या सीटी (नर्सरी)/नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) या स्नातक तथा विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण/दो वर्षीय बीटीसी उर्दू विशेष प्रशिक्षण/अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से डिप्लोमा इन टीचिंग उत्तीर्ण/11 अगस्त 1997 के पूर्व के मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारक (उर्दू शिक्षक के लिए) या चार वर्षीय प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में स्नातक (बीएलएड) उत्तीर्ण अभ्यर्थी शामिल हो सकते हैं।