सिद्धान्तों की राजनीति करते थे चन्द्रशेखर: सतीश दीक्षित

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FARRUKHABAD : समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय पर पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर की जयंती के अवसर पर विचार गोष्ठी कर समाजवादी पार्टी के SATEESH DIXITकार्यकर्ताओं ने सिद्धान्तों से समझौता न करने का संकल्प लिया।
श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष एवं कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त सतीश दीक्षित ने कहा कि चन्द्रशेखर जी सिद्धान्तों की राजनीति करते थे। वे निर्भीक होकर सही व सच्ची बात करते थे। इन्दिरा गांधी के विरोध के बावजूद कांग्रेस वर्किंग कमेटी का चुनाव जीतने पर चन्द्रशेखर को युवा तुर्क कहा गया। आपातकाल लागू करने पर उन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया और जय प्रकाश जी के नेतृत्व में चल रहे आंदोलन में शामिल हुए और और 1977 के चुनाव में गैर कांग्रेसी सरकार बनी। चन्द्रशेखर के व्यक्तित्व से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए।

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जिला अध्यक्ष राजकुमार सिंह राठौर ने कहा कि चन्द्रशेखर का जन्म बलिया जिला की क्रांतिकारी भूमि पर हुआ था। उन्होंने आजादी की लड़ाई में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। आजादी के बाद चन्द्रशेखर जी ने प्रज्ञा सोसलिस्ट पार्टी के सचिव की हैसियत से भी कार्य किया। बाद में वे कांग्रेस में भी रहे और आयरन लेडी कही जाने वाली तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरागांधी के विरोध के बावजूद कांग्रेस वर्किंग कमेटी का चुनाव जीते।

जिला महासचिव समीर यादव ने कहा कि चन्द्रशेखर बिना पढ़े धारा प्रवाह भाषण देते थे और श्रोताओं को मजबूर कर देते थे कि वे उनकी बात सुने और सोचें। गोष्ठी में महानगर महासचिव बन्टी यादव, मन्दीप यादव, अनिल श्रीवास्तव, मिन्ना खां, सुरेन्द्र सिंह यादव, सत्यप्रकाश यादव ने भी विचार व्यक्त किये।

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गोष्ठी में उपस्थित लोगों में सर्वेश बाल्मीक, अम्बरीश गुप्ता, पंकज गुप्ता, शिव कुमार सिंह, सुनील कुमार यादव, उमेन्द्र सिंह यादव, अबधेश सोमवंशी, राजीव सिंह, सुनील कुमार यादव, उमेन्द्र सिंह, श्याम प्रकाश सिंह, अनिल राठौर, बृजेश कुमार, राजहंस वर्मा, शकील अहमद खां, रोहित सोमवंशी, वी के यादव, सुनील सिंह आदि मौजूद रहे।