मंजिल पर जिन्हें जाना हो वह शिकवा नहीं करते……..

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FARRUKHABAD : सिखलाइट रेजीमेंट सेंटर में पासिंगआउट परेड में बेस्ट केडिट अवार्ड का मेडल लगाकर ब्रिगेडियर रावत जब जवानों को सम्मानित कर रहे थे तो अचानक ये शेर याद आता है _ मंजिल पर जिन्हें जाना हो वह शिकवा नहीं करते, जो शिकवा करते हैं वह मंजिल पर पहुंचा नहीं करते।

armyइस दौरान श्री रावत ने जवानों को मेडल लगाकर सम्मानित किया। जवान बेअन्त सिंह को फायरिंग के लिए, जवान प्रदीप सिंह को ड्रिल के लिए, मनप्रीत सिंह को पीटी के लिए, बहादुर सिंह को फायरिंग के लिए, गुरुमीत सिंह को फायरिंग के लिए, बलबिंदर सिंह को फायरिंग के लिए, अमनदीप को फायरिंग के लिए, दूसरे अमनदीप को पीटी के लिए बेस्ट कैडिट का अवार्ड दिया गया।

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बेस्ट केडिट प्रदीप सिंह के पिता रेशम सिंह का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। रेशम सिहं फोर सिखलाई के एक्स हवलदार हैं। उनका कहना है कि आज देश के नमक का हक अदा हो गया। मैं चाहता हूं कि मेरे तीनो बेटे फौज में जायें वह भी सिखलाई में और देश सेवा करें। सिपाही विक्रम सिंह के पिता शरबजीत सिंह फतेहाबाद से आये और बेटे को परेड में शामिल देख बहुत खुश हुए। उन्होंने हाथ उठाकर कहा कि वाहे गुरू ने सुन ली। पटियाला पंजाब से आये अवतार सिंह का बेटा हैप्पी सिंह, फतेहगढ़ साहब के कृषक पाल सिंह का बेटा सिमरन दीप सिंह, होशियारपुर के किसान राजपाल का बेटा विक्रम सिंह भी भारतीय फौज का हिस्सा बन गया। इनके पिताओं ने यहां आकर अपने बच्चों को फौज की सजीली बर्दी में देख गुरू को धन्यवाद दिया। कहा छाती चौड़ी हो गयी।

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